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भामाशाह
जब तक मेवाड़ के नाम को जानने वाला एक भी व्यक्ति विश्व में रहेगा, तब तक मेवाड़ उद्धार के लिये किये गये महाराणा प्रतापसिंह के प्रयत्नों की प्रशंसा होती रहेगी और जब तक महाराणा प्रतापसिंह के अनुपम प्रताप की घोषणा इतिहास के पष्ठ करते रहेंगे, तब तक भामाशाह के अपूर्व त्याग के प्रति इतिहासप्रेमियों के मुखसे 'धन्य-धन्य' की ध्वनियाँ निकलती रहेंगी।
प्रताप और त्याग की इस युगल मूत्ति को नाटककार का शतशत बन्दन है ।
नागौद (विन्ध्यप्रदेश)
-धन्यकुमार जैन 'सुधेश'