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सिद्ध जीव के सम्बन्ध में जिज्ञासा-समाधान
सिद्धों के रहने का स्थान जीव के सिद्ध होने के बाद की अवगाहना सिद्धों का सुख
सिद्धावस्था में जीव की स्थिति केवली के उपयोग की चर्चा
अभेदवाद युगपद्वाद
. केवलज्ञान सर्वांग से जानता है * क्रमवाद केवली में केवलज्ञान के साथ श्रुतज्ञान भी होता है? . केवलज्ञान और श्रुतज्ञान में अन्तर केवलज्ञान का विषय
श्वेताम्बर परम्परा के अनुसार केवलज्ञान का विषय दिगम्बर परम्परा में केवलज्ञान का विषय
केवलज्ञान की स्व-पर प्रकाशकता केवलज्ञान और केवली के सम्बन्ध में विशिष्ट वर्णन
केवलज्ञान-केवलदर्शन उत्पन्न होने एवं नहीं होने के कारण केवलदर्शन उत्पन्न होता हुआ भी प्रथम समय में नहीं रुकने के कारण छमस्थ और केवलज्ञानी में अन्तर छमस्थ और केवलज्ञानी की पहचान केवली के दस अनुत्तर सर्व को जानता हुआ भी व्याकुल नहीं होता केवलज्ञानी पंचेन्द्रिय अथवा अनीन्द्रिय है केवली के मन होता है अथवा नहीं? भावमन के अभाव में वचन की उत्पत्ति कैसे हो सकती है? केवली नो संज्ञी-नो असंज्ञी केवली के योगों का सद्भाव केवली और मत्यादिज्ञान अहंतों को ही केवलज्ञान क्यों, अन्य को क्यों नहीं?
ईर्यापथ आस्रव सहित भी भगवान् कैसे हो सकते हैं गति आदि द्वारों के माध्यम से केवलज्ञान का वर्णन समीक्षण
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उपसंहार सहायक ग्रन्थ सूची
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