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द्वितीय अध्याय :- ज्ञानमीमांसा : सामान्य परिचय
ज्ञान की परिभाषा ज्ञानी के लक्षण ज्ञान और आत्मा का सम्बन्ध . ज्ञान आत्म-शक्ति रूप . ज्ञान दर्शन किसको होते हैं? ज्ञान ही चारित्र का आधार ज्ञान की उपयोगिता मोक्ष के लिए ज्ञान की प्राथमिकता ज्ञान का ज्ञेय विषय ज्ञान का कारण . जीवों में ज्ञान की न्यूनाधिकता का कारण ज्ञानोपयोग और दर्शनोपयोग।
ज्ञान और दर्शन की परिभाषा की समालोचना ज्ञान और दर्शन में अन्तर ज्ञानोपयोग और दर्शनोपयोग के भेद दर्शन और ज्ञान में पहले कौन? ज्ञानोपयोग मिथ्या क्यों? सम्यग्दृष्टि के ज्ञान और मिथ्यादृष्टि के अज्ञान कैसे? अध्यात्म और दर्शन में ज्ञान का स्वरूप
ज्ञान और सम्यक्त्व में भेद ज्ञान में स्व-पर प्रकाशकता मति आदि ज्ञानों के क्रम का हेतु
मति-श्रुत में भी मति पहले क्यों? मतिज्ञान और श्रुतज्ञान में अन्तर
मतिज्ञान एवं मति अज्ञान में अन्तर . उपलक्षण से अवधिज्ञान, अवधि अज्ञान आदि में भी अन्तर ज्ञानी और अज्ञानी में अन्तर प्रत्यक्ष-परोक्ष ज्ञान
प्रत्यक्ष-परोक्ष का लक्षण परोक्ष ज्ञान मति और श्रुतज्ञान की परोक्षरूपता ज्ञान के प्रत्यक्ष और परोक्ष भेद करने का कारण
इन्द्रिय ज्ञान को प्रत्यक्ष मानने में दोष ज्ञान के साधन
इन्द्रिय इन्द्रिय के प्रकार इन्द्रिय की उत्पत्ति