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________________ ६४८-४६ ६५० ६५१ ६५३ ५४ ६५५-६६१ ६६२ ६६३ ६ ६६५ पीड़ा, ताप, मादि के दोष क्षेत्रपाल आदि से दोष जलाश्रय मादि दोष स्त्री कृत आदि दोष स्वगोत्र कृत भादि दोष जीवितमृत्युप्रकरण रोग होने पर भी जीना मनुष्य को मृत्यु मनुष्य का जीवन नोका--प्रश्न रोग से मृत्यु का न होना शस्त्राहत मनुष्य का भी जीना रोगी का जीना प्रेत योग से मनुष्य की मृत्यु प्रवहणप्रकरण नौकागमन पर चार प्रश्न नौका का न डूबना नोका का भ्रमण करना पोत स्वामी की मृत्यु पोतका बना व्यवहार से लाभ न होना भ्यवहार से लाभ अन से लाभ परदेश की वस्तु के व्यवहार से लाभ बेड़ा प्रश्न में दूसरा प्रकार नवम प्रकरण प्रबध्याकारक योग प्रतत्याग प्रव्रज्या कारक योगों की रक्षता तथा निर्मलता रोग के कारण दीक्षा भोजन के लिये व्रत शान्तपिच से प्रव्रज्या प्रया ६६६ - 90 orar x४, ६७१ ६७४ ६७६ १० ६७७-७८ (७६-६८३ ६४
SR No.009389
Book TitleTrailokya Prakash
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHemprabhsuri
PublisherIndian House
Publication Year1946
Total Pages265
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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