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________________ है। लोकमानस में विचारक और दार्शनिक के रूप में आचार्य महाप्रज्ञ की गहरी छाप है। इसमें संदेह नहीं कि आचार्य महाप्रज्ञ एक वैचारिक कवि हैं लेकिन विचार को कविता में बदलना सबके बूते की बात नहीं है। उच्चकोटि की सर्जनात्मक प्रतिभा से सम्पन्न एक अतिशय संवेदनशील मन का स्वामी हुए बिना यह कार्य संभवनीय नहीं है। मेरा चिंतन है बिम्बों की दृष्टि से 'ऋषभायण' का अध्ययन करने से शायद महाकवि आचार्य महाप्रज्ञ की संवेदनशीलता की थोड़ी-बहुत थाह लग सकती है और यह कार्य करने का विचार किया। 'ऋषभायण में बिम्ब विधान' पर कार्य करना इसलिए स्वीकार किया क्योंकि बिम्ब कवि-कर्म की सफलता का ठोस और प्रामाणिक मापदंड है। जिस कवि में कल्पना की जितनी यथार्थता व भावना की गहराई स्पर्श करती है, उसके बिम्ब उतने ही जीवन्त होते हैं। बिम्बों में कवि की संवेदनशील की कसौटी ठहराने की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण पहल केरोलीन स्पर्जियन ने की थी। जिन्होंने शेक्सपीयर के बिम्बों का अध्ययन करते हुए उनके सहारे कवि के व्यक्तित्व, मनोदशा और विचारों के अतिरिक्त उनके नाटकों की विषय-वस्तु और चरित्रों पर भी प्रकाश डाला था। अंग्रेजी के प्रसिद्ध कवि सेसिल डे लेविस की 'दि पोएटिक इमेज' तथा फैंक की 'रोमांटिक इमेज' इस दिशा में नयी संभावनाओं का द्वारा खोलते हैं। हिन्दी में आचार्य रामचन्द्र शुक्ल ने 'रसात्मक-बोध के विविध रूप' शीर्षक निबंध द्वारा इस विषय पर प्रकाश डाला है। आचार्य नंद-दुलारे वाजपेयी ने प्रसाद और निराला के बिम्बविधान पर तथा डॉ. हजारी प्रसाद द्विवेदी ने पुराकथाओं व मिथकों को लेकर कुछ महत्वपूर्ण संकेत किये हैं। डॉ. केदारनाथ सिंह ने 'आधुनिक हिन्दी कविता में बिम्ब विधान का विकास' विषय पर शोध-प्रबंध लिखा। डॉ. रामयतन सिंह 'भ्रमर' ने आधुनिक हिन्दी कविता में चित्र-विधान विषय पर कार्य किया। डॉ. सुधा सक्सेना ने जायसी की बिम्ब योजना तथा डॉ. सुशीला शर्मा ने 'तुलसी साहित्य में बिम्ब-योजना' पर गहरा कार्य किया। ___ बिम्ब-विश्लेषण हमें काव्य व्यापार के मूल तक पहुँचाने में समर्थ होता है। पाश्चात्य कवि, आलोचक बिम्ब को 'काव्य की आत्मा' मानते हैं। वस्तुतः बिम्ब प्रत्येक युग व देश की कविता का एक शाश्वत तत्व है। आचार्य महाप्रज्ञ विश्व-कवि हैं उनकी कविताओं का संग्रह वह ऋषभायण महाकाव्य लोकमानस में जन-मन तक पहुँच रहा है। अतः अब इन कविताओं तथा महाकाव्य के महात्म्य का अनुभव करना
SR No.009387
Book TitleRushabhayan me Bimb Yojna
Original Sutra AuthorN/A
AuthorSunilanand Nahar
PublisherJain Vishva Bharati
Publication Year2010
Total Pages366
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size13 MB
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