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छायावादी काव्य : सौंदर्य वैविध्य सं. शीतला प्रसाद दुबे, पृ. 15.
नयी कविता की भाषा
डॉ. रविनाथ सिंह, पृ. - 214.
आत्मनेपद, अज्ञेय, पृ. 42.
कल्पना और छायावाद, केदारनाथ सिंह, पृ. - 98.
नयी कविता के प्रबंध काव्य-शिल्प और जीवनदर्शन, पृ. - 229.
कला, साहित्य और समीक्षा - डॉ. भगीरथ मिश्र, पृ. - 185.
वही, पृ. 185.
कबीर, सं. विजयेन्द्र स्नातक, पृ. - 203
विचार और विश्लेषण - डॉ. नगेन्द्र, पृ. 75.
ऋषभ और महावीर आ. महाप्रज्ञ, पृ. 56.
जैन तत्वज्ञान प्रश्नोत्तरी-मुनि जिनेश कुमार, पृ. - 76.
काव्यांग कौमुदी - आचार्य विश्वनाथ प्रसाद मिश्र ।, पृ. 213 आचार्य तुलसी का काव्य वैभव-समणी कुसुम प्रज्ञा, पृ. 219.
महादेवी वर्मा की काव्य-साधना - प्रो. कृष्ण देव शर्मा, पृ. 138.
भवानी प्रसाद मिश्र की काव्य भाषा का शैली वैज्ञानिक अध्ययन, डॉ. नीलम
—
कालड़ा, पृ. - 67.
हजारी प्रसाद द्विवेदी, ग्रंथावली भाग-7, पृ. 109.
कवि श्री शिवमंगल सिंह सुमन और उनका काव्य डॉ. के.जी.कदम, पृ. -342. आचार्य महाप्रज्ञ, संस्कृत साहित्य - सं. डॉ. हरिशंकर पाण्डेय, पू. -248-249. महाप्रज्ञ का रचना संसार - आत्मकथ्य - सं. कन्हैयालाल फूलफगर, पृ. 12. आचार्य तुलसी- विचार के वातायन में, जैनेन्द्र, पृ. 27.
महाप्रज्ञ का रचना संसार - आत्मकथ्य - पृ. 17.
महाप्रज्ञ साहित्य - मुनि दुलहराज, पृ. 2.
महाप्रज्ञ का रचना संसार - आत्मकथ्य, पृ. - 36.
महाप्रज्ञ साहित्य - मुनि दुलहराज, पृ. 16.
तुलसीप्रज्ञा, अनुसंधान त्रैमासिकी, अक्टूबर - दिसंबर 1994, पृ. - 232.
वही, पृ. - 232.
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