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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
दाहिने स्वर से सूंघे तो पुत्र हो, बांये पुट से सूंघे तो पुत्री हो और दोनों पुटों से सूंघने से नपुंसक पुत्र की प्राप्ति होती है।
गर्भरक्षा मंत्र-“ऊं खिलि खिलि हूँ फट् ठः ठः । ॐ वज्रस्फोटं ह्रीं खः फट् स्वाहा । "
ॐ किंखिणि विद्ये असिता सिते उग्र चंडे, महाचंडे भैरव - रूपे महंबंधय-महं बंधय कटिं बंधय कटिं बंधय, हनु बंधय हनु बंधय आनयेति शीघ्रं किंखिणी स्वाहा । विधि - उपरोक्त तीनों मंत्रों को धागे पर जपकर गर्भिणी स्त्री के गले में बांध देवें तो इससे गर्भ की रक्षा होती है।
तन्त्र अधिकार
(133) लजालु (छुइमुइ ) कल्प
शनिवार संध्या को जहां छुइमुइ (लजालु) का वृक्ष हो वहां जाकर एक मुट्ठी चावल सुपारी रखें, फिर उस पेड़ को मोली धागा बांधे, अपनी छाया पेड़ पर नहीं पड़ने दें, सुबह आपको अपने घर ले जायेंगे, ऐसा कहकर निमंत्रण दें। फिर प्रभात ही पिछली रात को जाकर छाया रखकर उस वृक्ष को उखाड़ लावें, उखाड़ते समय इस मंत्र को २१ बार पढ़ें–“ऊँ भ्रं भुं (श्रूं भुं) व मम कार्य प्रत्यक्षौ भवतु स्वाहा ॥" फिर जिसको वश करना हो उसके घर में रखवा दें, तो वह वश में हो जाता है । लजालु पंचांग १ छटांक, घी २ छटांक, गिरकरणी ३ छटांक, संखा होली ३ छटांक– सब चीज एकत्र कर गोली बनावें, फिर जिसको वश करना हो, उसके खाने-पीने की चीजों में मिलाकर खिला देवें तो वह वश में होता है । वाद-विवाद, झगड़े आदि में पास रखकर जावें तो सब लोग उसकी बात मानते हैं । गोरोचन के साथ घिसकर तिलक करें तो राजा - प्रजा सर्वलोक वश होते हैं ।
(134) हीरा बनाने की विधि
मऐ के बीज का तेल तैयार रखें, जब बिनौला आकाश से पड़े, तब तुरन्त मऐ की लकड़ी की अग्नि जलाकर, उस तेल को अग्नि पर चढ़ावे, फिर गर्म करें, उस गर्म तेल में बिनौला ले-लेकर डालते जाना, सब पत्थर हो जायेगा जम करके वही फोरा हीरा है। कड़ाई को जब तक वे नीला पत्थर हो जाय तब नीचे उतारना । भाग्य अच्छा हो तो यह कार्य सफल होय । इति ।
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(135) सोना-चाँदी बनाने का तंत्र
गंधक को प्याज के रस में १०८ बार तपाकर भुजावें, फिर उस गंधक को चांदी के साथ गलावें तो सोना होता है ।
हिंगुल शुद्ध १८ तोला, अभ्रक ३२ तोला को एकत्र करके रूद्रवन्ति के रस में घोटकर, चांदी के पत्ते पर लेप करके पुट देवें तो सोना हो ।
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