SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 9
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर क्या तंत्र-टोने-टोटकों से सफलता मिलती है? जी हाँ ! आस्था, विश्वास, प्रयास और उनकी सिद्धि के विविध नियमों का पालन तंत्र सिद्धि का मूल आधार है। जिसके द्वारा आपके सभी प्रकार के कष्टों का निवारण हो सकता है। जब किसी व्यक्ति के शरीर में कोई ऐसी बाधा अपनी जड़ें जमा लेती है जिस पर किसी भी उपचार या औषधि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता, तो उस समय टोने- टोटके (तंत्र) ही काम आते हैं। ये तंत्र ही उसे हमेशा के लिये दूर कर देते हैं। कुछ तंत्र के टोटके केवल वस्तु के प्रयोग से ही सफल हो जाते हैं; जबकि कुछ टोटकों के प्रयोग में एक विशेष प्रकार की ध्वनि या मंत्र का भी उच्चारण करना पड़ता है। ( ध्यान रखने योग्य विशेष बात )) उतारों का एवं टोने-टोटको का संसार में विशेष ही अधिक महत्व है। बालकों को नजर लग जाने, किसी प्रकार की भूत बाधा ग्रस्त होने अथवा बीमार हो जाने पर झाड़फूंक के साथ ही उतारा भी किया जाता है। कोई भी उतारा सिर से पैर की ओर सात बार उतारा जाता है। ऐसा करने से वह बीमारी अथवा दुष्ट आत्मा उस मिठाई के टुकड़े आदि पदार्थ पर आ जाती है और उसे घर से दूर रख आने पर उसके साथ ही घर से बाहर चली जाती है। जैसे वार के तद् अनुसार कुछ टोटके निम्न प्रकार के हैंरविवार : बर्फी से उतारा करके बर्फी गाय को खिला दें। सोमवार : बर्फी के टुकड़े से उतारा करके गाय को खिला दें। मंगलवार : मोतीचूर के लड्ड से उतारा करके कुत्ते को डाल दें। बुधवार : इमरती अथवा मोतीचूर के लड्ड से उतारा करके कुत्ते को डाल दें। गुरुवार : पांच प्रकार की मिठाईयां एक दोने में रखकर उतारा करके उसमें धूपबत्ती और छोटी इलायची रखकर पीपल की जड़ में पश्चिम दिशा में रखकर लौट आएं, पलटकर पीछे न देखें और न ही रास्ते में किसी से बोलें। घर आकर हाथ-पैर धोकर कोई कार्य करना चाहिए। शुक्रवार : शाम के समय मोतीचूर के लड्ड से उतारा करें और कुत्ते को डाल दें। शनिवार : काले कुत्ते को इमरती या लड्ड डालना उत्तम रहता है। किस दिशा में कौन सा टोटका करें १. सम्मोहन- सिद्धि, देव कृपा प्राप्ति अथवा अन्य शुभ व सात्विक कार्यों की सिद्धि के लिये पूर्व दिशा की ओर मुख करके टोटके किए जाते हैं। किसी का अहित करने के लिये दक्षिण दिशा में मुख करके बैठकर टोटके किये जाते हैं। 431
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy