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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
३. मान सम्मान, प्रतिष्ठा व श्री लक्ष्मी समृद्धि के लिये पश्चिम दिशा में मुख करके टोटके करें,
माह तिथि वार के अनुसार टोटके १. रोग- मुक्ति व स्वास्थ्य सम्बंधी टोटके मंगलवार के दिन श्रावण मास में करें। २. सन्तान व वैभव पाने के लिए बृहस्पतिवार को कार्तिक तथा अगहन माह में करें। ३. शत्रु से मुक्ति पाने के लिये मंगलवार के दिन ज्येष्ठ माह में टोटकें करें। ४. वशीकरण का प्रयोग शनिवार व सप्तमी तिथि को करें।
टोना-टोटकों सम्बंधी वनस्पति लाने की विधि टोटकों को करते समय प्रायः किसी वनस्पति पौधे की जड़, छाल या पत्तियों आदि की आवश्यकता पड़ती है। उसे विधि-विधान से प्राप्त न किया जाये तो उससे कभी लाभ नहीं होता, अत: जिस दिन की वनस्पति हो, उससे एक दिन पूर्व संध्या समय में उसके पास पहुंचकर तीन बार निःसहि नि:सहि नि:सहि बोलकर अपने आराध्य का ध्यान करते हुऐ उत्तर या पूर्व की ओर मुँह करके भूमि पर बैठ जाएं और 'मम कार्य सिद्धि कुरू कुरू स्वाहा' मंत्र का जाप करके वनस्पति पर मौली (पंचरंगा) धागा बांधे और रोली या हल्दी का तिलक भी लगा दें। फिर जल अर्पण करें और जल चन्दन अक्षत पुष्प नैवेद्य दीप धूप फल अर्घ्य से पूजन करके प्रार्थना करते हुए कहें कि कल प्रातः मैं आपको लेने आऊँगा। फिर दूसरे दिन सूर्योदय से पूर्व ही स्नानादि से निवृत्त होकर उस पौधे या वनस्पति के समीप जाएं और तीन बार निःसहि नि:सहि नि:सहि बोलकर उस पौधे या वनस्पति में ताजा जल जड़ में डालकर फिर जड़, टहनी या पौध आदि जो भी लेना हो, उसे विधि अनुसार प्राप्त करें और आते समय तीन बार असहि: असहिः असहि: शब्द का उच्चारण करें। लेकिन ध्यान रखें पेड़-पौधों में भी जीवन होता है और उन पर अनेक अच्छी-बुरी आत्माएं भी निवास करती हैं। अतः जड़ी-बूटी अथवा छाल आदि वृक्ष से अलग करते समय हमें उस वृक्ष का और परमपिता परमात्मा का आभार मानते हुए उतनी ही
मात्रा में लेना चाहिए जितनी हमें आवश्यकता है। नोट- पूजन करने में निम्नलिखित मंत्र बोलकर द्रव्य चढाएं। मंत्र- ॐ नमः सर्व भूताधिपतये ग्रस -२ शोषय भरर्वी चाज्ञापति स्वाहा। घर आकर पुनः
मंत्र पढकर प्रयोग करें। विशेष- तंत्र का प्रयोग करने वाले को अपना आचरण शुद्ध रखना चाहिए तथा
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