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मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र
रखने से धन की वृद्धि होती है।
5. अश्लेषा नक्षत्र में सोमवार के दिन बहेड़ा का बांदा लाकर पूजने से भी धन की वृद्धि
होती है। बहेड़ा का बांदे का चूर्ण कर खाये तो भूत जायें ।
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6. पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में दूर्वा का बांदा व्यवसाय में वृद्धि होती है ।
7. पति पत्नि में प्रेम न हो तो उत्तराफाल्गुनी नक्षत्र में आम का बांदा लाकर दाईं बांह में धारण करें तो जीवन सुखी रहता है ।
8. स्थाई लक्ष्मी की कामना हेतु हस्त नक्षत्र में निर्गुड़ी का बांदा लाकर लक्ष्मी पूजा के बाद घर में रखने से लक्ष्मी उस घर में स्थायी रूप से वास करती है।
नोट
इसी प्रकार ग्रहणकाल में लक्ष्मी मंत्र का जापकर उसी मंत्र से 108 बार आहूतियां देने से बांदा चमत्कारी प्रभाव दिखाता है। लक्ष्मी मंत्र - ॐ नमो धनदाय स्वाहा 9. अश्विनी इस नक्षत्र में बेल वृक्ष का बान्दा हाथ में धारण करें तो अदृश्य हो । 10. कृत्तिका - इस नक्षत्र को थूहर का बान्दा हाथ में धारण करें तो वाक्-सिद्धि हो । 11. रोहिणी- इस नक्षत्र को वट वृक्ष का बान्दा हाथ में धारण करें तो सर्व वश हो । 12. स्वाति - अ. इस नक्षत्र को हरड़ वृक्ष का बान्दा लाकर पास में रखे तो राज-सम्मान
मिले ।
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स
तन्त्र अधिकार
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मुनि प्रार्थना सागर
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लाकर पूजा करें, फिर व्यवसाय स्थल पर रखें तो
इस नक्षत्र में नीम वृक्ष का बान्दा हाथ में धारण करें तो अदृश्य हो ।
13. अनुराधा इस नक्षत्र में कनेर वृक्ष का बान्दा दाहिने हाथ पर बांधे तो शत्रु शत्रुता छोड़े। इस नक्षत्र में रोहितक का बान्दा ग्रहण कर मुख में रखे तो अदृश्य हो । 14. भरणी- कपास का बांदा हाथ में धारण करने से अदृश्य होने की शक्ति प्राप्त होती है । 15. कृतिका - थूवर का बांदा हाथ में बांधे तो वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है ।
16. चित्र नक्षत्र - धावणी का बांदा पान में खिलाने से प्रेम पोषण के लिए अनुकूल प्रभाव पड़ता है।
17. विशाखा - महुआ का बांदा सिर पर धारण करने से बल की वृद्धि होती है। 18. पू.फा.- बहेड़े के बांदा का चूर्ण खिलाने से भूत-प्रेत बाधा दूर होती है।
19. मू. नक्षत्र - खजूर का बांदा हाथ में बांधने से शत्रु पर विजय प्राप्त होती है।
20. शतमिषा- इस नक्षत्र में सुपारी वृक्ष का बान्दा एक वर्णी गाय के दूध में पीने से वृद्धावस्था नहीं आती।
इस नक्षत्र में बेर वृक्ष का बान्दा हाथ में धारण करके जिससे जो मांगे, वह इन्कार न हो ।
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