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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
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विधि-रवि पुष्य नक्षत्र को निम्नलिखित मंत्र बोलकर वृक्ष की जड़ को घर ले आवें। मंत्र- ॐ नमो भगवते श्री सूर्याय ह्रां ह्रीं हूं ह्र: ॐ संजु स्वाहा। ___ पुष्य नक्षत्र रहते- रहते उस जड़ से भगवान् पार्श्वनाथ की मूर्ति बनावें व निम्नलिखित
मंत्र से पूजा करें। ॐ नमो भगवति शिव चक्रे मालिनि स्वाहा। यदि दक्षिणावर्ती सूंडवाली आकृति के श्री गणेश मिल जायें तो बहुत चमत्कारी होती है। १. मूल को ठंडे पानी में घिसकर लगाने से बिच्छू आदि हर प्रकार का जहर उतरता है। २. यह मूल, बच, हल्दी- तीनों बराबर मिलाकर तिलक करें तो अधिकारी वश में हो। ३. मूल, गोरोचन, मैनसिल, भृगराज चारों मिलाकर तिलक करें तो सर्वजन वश हों। ४. मूल का वच के साथ घिसकर हाथ में लेप करें तो हाथ नहीं जले।
मूल को चूर्णकर घृत के साथ आधा रत्ती की मात्रा में खाने से भूत, प्रेत, दूर होते हैं, स्मरण-शक्ति बढ़ती है,देह की कान्ति कामदेव के समान हो जाती है। ४० दिन
थोड़ी मात्रा में सेवन करें। उष्णता का अनुभव हो तो छोड़ दें। 6. मूल, वीर्य, शृंगराज मिलाकर अंजन करें तो आदृश्य हो। 7. मूल को मघा नक्षत्र में कस्तूरी में अंजन करें तो आदृश्य हो। 8. मूल को वच के साथ घिसकर हाथ पर लेप करें तो हाथ नहीं जले। 9. मूल, बंध्या स्त्री की कमर में बांधने से संतान प्राप्ति होती है। १०. पुरुष के दाहिने व स्त्री के बांये हाथ में बांधने से सौभाग्य वृद्धि होय।
(121) बांदा नक्षत्र कल्प कभी-कभी वृक्षों के साथ दूसरी प्रजाति के वृक्ष स्वतः ही उग आते हैं। उन्हीं को बांदा या बादल कहते हैं। परजीवी वनस्पति या बांदा नक्षत्र विशेष में लाने पर श्रेष्ठ फल प्रदान करता है लेकिन विधि पूर्वक लाना चाहिए और गुप्त स्थान पर
रखना चाहिए। नित्य णमोकार मंत्र या लक्ष्मी मंत्र का जाप करें। 1. पुष्य नक्षत्र में इमली का बांदा लाकर लाल वस्त्र में बांधकर भुजा पर धारण करने __ या मुद्रा भंडार में रखने से लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है। 2. स्वाति नक्षत्र में बैर का बांदा लाकर पूजा के बाद घर के गुप्त स्थान पर रखने से
सांसारिक सुखों की प्राप्ति होती है। 3. रोहिणी नक्षत्र में गूलर का बांदा लाकर विधिवत पूजा के बाद पूजागृह में रखने से दिन दूनी धन वृद्धि होती है। इस नक्षत्र में वट वृक्ष का बांधा हाथ में बांधते तो सर्ववश
हो। 4. पूर्वाफाल्गुनी नक्षत्र में सेमल का बांदा लाकर पूजनोपरान्त घर के गुप्त स्थान में
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