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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर इसमें सन्देह नहीं। (20) आंवले के रस में सिन्दूर, कुमकुम, केशर, गोरोचन पीसकर मस्तक पर तिलक करें तो जहाँ तक सुगन्ध उड़कर पहुँचेगी वहाँ तक के स्त्री-पुरुष मोहित हो जाएंगे। (21) नौमी के दिन शुद्ध होकर धूप जलाकर उसकी राख माथे पर लगा लें तो सभी मोहित हों। (22) भांग की पत्ती, सफेद सरसों और घी मिलाकर शरीर पर लेप करें तो स्त्री मोहित होय। ( 23 ) रविवार के दिन सहदेई के रस में तुलसी के बीज पीसकर भग पर लेप करने से पुरुष मोहित हो जाते हैं। (24) जीरा, कुटकी, आक की जड़ तथा मौथा इन सबको रूधिर में पीसकर मिलाकर तिलक लगावें तो जो स्त्री देखे वही मोहित होवें। ( 25 ) संसार मोहित होय-लोंग, केशर, चन्दन, नाग केशर, सफेद सरसों, इलायची, मनशिल, कूठ, तगर, सफेद कमल, गिरोचन, लालचन्दन, तुलसी, पिक्कार, पद्मास्वा, कुटज को पुष्य नक्षत्र में बराबर-बराबर लाकर, सबको धतूरे के रस में कुमारी कन्या से पिसवाकर, चन्द्रोदय होने पर उसका तिलक करें तो संसार मोहित होय। (26) सर्ववश -बेलपत्र को छाया में सुखाकर कपिला गाय के दूध में गोली बना कर रख लें फिर जब चाहे तब गोली घिसकर तिलक लगायें तो निश्चित ही सब वश हो जायें। (27) पान से वशीकरण –सदेवी लाकर छाया में सुखा लें फिर उसका चूर्ण कर जिसे भी पान में दें वह वशीभूत हो जाये यह सत्य है। (28) ब्रह्मदण्डी, वच व उपलेट का चूर्ण पूर्वोक्त मंत्र से मंत्रित कर पान में रखकर रविवार को जिसको खिलावें वह वश में हो जाता है। ( 29 ) श्वेत दुर्वा को कपीला गाय के दूध में घिसकर अपने शरीर में लेप करने से देखने वाले सब लोग वशी हो जाते हैं। ( 30 ) शृंगी, चन्दन, वच, कूट, चारों की धूप बनावें, फिर अग्नि में उस धूप को डालकर अपने शरीर में धुंआं लगावें और अपने मुख में भी धुआं लगाने से और वस्त्र में धुआं लगाने से राजा, प्रजा, पशु, पक्षी जो भी देखें सर्वमोहित होते हैं। 492
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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