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________________ तन्त्र अधिकार मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर (3) राई व नौसादर को पीसकर घर में डालने से सर्प भाग जाता है। (4) सर्प जहर-सर्प कटे स्थान पर सफेद सोंठ की जड़ का लेप करने से जहर उतर जाता है। (5) सर्प जहर- मुख के पानी के साथ कान के मैल को मिलाकर काटे हुए स्थान पर तुरन्त ही लेप करने से विष कभी नहीं बढ़ता। अथवा सर्प के काटे हुए स्थान पर नाखून के अगले भाग को कफ मलादि में मिलाकर लेप करने से सर्प जहर तरन्त ही नष्ट हो जाता है। अथवा पत्थर लकडी आदि से तरन्त ही उसमें ठंडा जल भर देवें। नाक के अग्र भाग के मध्य में मलने से वा वायु को रोकने से सांप के काटे हुए के विष का निग्रह हो जाता है। (7) सांप के काटने से यदि व्यक्ति का पूरा शरीर विषयुक्त हो जाए तो गाय के दूध के साथ हल्दी का काढ़ा सेवन कराने से लाभ होता है। (8) निर्गुडी की जड़ अथवा मोर पंख घर में रखने से साँप नहीं आते। (88) बिच्छू का जहर तंत्र(1) पलास पापड़ा को आक के दूध में घिसकर डंक पर लगाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। (2) नीलाथोथा को नीम्बू के रस में घिसकर लगाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। (3) नौसादर और हरताल को पानी में पीसकर लगाने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। (4) आक का दूध काटे हुए स्थान पर मलने से बिच्छू का विष उतरता है। (5) बिच्छु जहर जाए-जिसे बिच्छु काटा हो, उसे अपामार्ग की जड़ को दिखा देने मात्र से जहर उतर जाता है, यदि बिच्छु अधिक जहरीला हो तो अपामार्ग की जड़ को घिसकर अथवा पत्तों को पीसकर कटे हुए स्थान पर लगा देने से बिच्छु का जहर उतर जाता है। (6) बिच्छु न काटे-मूली के पत्तों का रस हाथ में लेकर बिच्छु पकड़ने से वह डंक नहीं मारता है। (7) अर्क (आक) नाग केशर, काकड़ासिंगी, साठी, बेर को पीसकर लेप करें तो बिच्छु का विष तुरन्त ही नष्ट हो जाता है। (8) बिच्छू का विषनाश- बेर के पत्तों को पानी में पीसकर लेप करने से बिच्छू का विष नष्ट होता है। (9) बिच्छू विष निवारण- तुलसी के पत्तों के रस में सेंधा नमक मिलाकर डंक वाले 476
SR No.009382
Book TitleTantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages96
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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