________________
तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
(5) कर्ज मुक्ति हेतु- कर्ज उतरने का नाम न ले रहा हो तो ५ गुलाब के खिले हुए फूल लेकर सवा मीटर सफेद कपड़ा बिछाकर गायत्री मंत्र अथवा णमोकार मंत्र पढ़ते हुए कपड़े पर बांधे व कपड़ा किसी पवित्र नदी में बहा दें। (6) ऋण से मुक्ति - रात को सोते समय पलंग के नीचे सिरहाने की तरफ जौ रखकर सुबह उठकर पक्षियों या गरीबों को दें, इससे ऋण मुक्ति होगी। (7) धन हानि- काले तिल परिवार के सभी सदस्यों के सिर पर से सात बार उतार कर घर से उत्तर दिशा में फेंक दें, धन हानि बंद होगी। (8) कर्ज मुक्ति के लिए- भूमि का ढलान ईशान की और बढ़ा दें, यदि पहले से हो तो थोड़ा सा और बढ़ा दें एवं किसी सुहागिन को सुहाग सामग्री देवें। अमावस्या को लोबान जलाकर पूरे घर में घुमायें। कर्ज की प्रथम किश्त शुक्ल पक्ष के मंगलवार को देना प्रारंभ करें तो कर्ज मुक्ति अवश्य होगी। (9) ऋण की उगाही- बुधवार को खच्चर का दांत प्राप्त करके जल से शुद्धकर लें, फिर उगाही को जावें तो उसे साथ ले जायें लाभ होगा। (10) अचानक धन लाभ- अगर अचानक धन लाभ की स्थितियां बन रही हों किन्तु लाभ नहीं मिल रहा हो तो गोपी चंदन की नौ डलियाँ लेकर केले के वृक्ष पर पीले धागे से टांग दें और मूलमंत्र का जाप करें लाभ होगा। (11) आकस्मिक धन लाभ- ग्यारह सफेद पुष्प लेकर प्रात:काल चौराहे के मध्य पूरब की ओर मुख करके रखें व शुक्रवार के दिन चौराहे पर मध्य में इत्र डालकर शीशी वहीं छोड़कर आएँ तथा कमलगट्टे की माला से लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र की जाप करें शीघ्र सफलता मिलेगी। (12) लक्ष्मीप्राप्ति- प्रतिदिन प्रातः व सांयकाल को घर या दुकान में कपूर जलाने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। वातावरण का वायुदोष शांत होता है, अतः प्रतिदिन व्यापार वृद्धि मंगल कलश या श्रीमहामंत्र के सामने कपूर की आरती अवश्य करें। मंगल कलश या श्रीमहामंत्र की आरती देखें पेज न. ( 269) (13)धन धान्य समृद्धि- गुरुपुष्य योग अथवा गणेश चतुर्थी या दीवाली के दिन पीले रूमाल में, पांच हल्दी गांठ, कुछ चावल के दाने, एक नारियल, पांच सुपारी, पांच बादाम, 50 ग्राम कपूर, 50 ग्राम पीले सरसों, पांच का सिक्का हल्दी में रंगे, सभी को धूप दीप देकर रुमाल बांध कर रखें। (14)धन समृद्धि हेतु- रविवार को सूखा नारियल का गोला लेकर सूर्यास्त से पूर्व उसमें छेद करके बूरा (चीनी), आटा व पाँच मेवे भरकर 'ॐ श्रीं श्रियैः नम:' का जाप करते हुए दीपक जलाकर वह गोला पीपल वृक्ष के नीचे गाड़ें, ऐसा ७ रविवार करें।
465