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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
(चीनी), पंच मेवा, भर दें व पीपल के वृक्ष के नीचे दबायें। जो शक्कर बचे उसे वृक्ष के नीचे डालें। ऐसा सात मंगलवार करने से विवाह की बाधा दूर होती है। अथवा विवाह इच्छुक कन्या अपने हाथ से ७ गुरुवार को बछड़े वाली पीली गाय
को एक पपीता खिलाएं। (3) विवाह बाधा निवारण हेतु- शुक्रवार को रात्रि में ८ छुआरे जल में उबालकर जल के
साथ सोने के कमरे में सिरहाने रखें व शनिवार को बहते पानी में डालें। (4) मंगलवार या शनिवार को पद्मावती मंदिर में चमेली का तेल, सिन्दूर, वर्क, एक
सूखा नारियल 7 शनिवार उस लड़की से दान करवाएं जिसकी शादी में विलंब
हो रहा हो। (5) यदि लड़की को वर न मिल रहा हो तो गुरूवार को पीले व शुक्रवार को सफेद
नये वस्त्र पहनाये। यह प्रयोग 5 गुरूवार व शुक्रवार करें। इनमें से कोई वस्त्र दुबारा
न पहने व विवाह की वार्ता के समय लाल वस्त्र पहनने से लाभ होगा। (6)जिस लड़की के विवाह में बाधा आए, बार-बार सगाई होकर छूट जाए तो वह
गुरूवार को एक पाव कच्चे दूध में थोड़ी सी केसर या हल्दी मिलाए, 7 पीले पुष्प, 7 बेसन के लड्डू, सवा मीटर पीला कपड़ा, पांच अरगबत्ती, एक चौमुख दीपक, एक
सूखा नारियल प्रातः काल सात गुरूवार पद्मावती जी को अर्पण करे। (7) यदि विवाह में देरी, विलम्ब या बाधा हो रही हो तो 250 ग्राम काले तिल, 250 ग्राम
काले उड़द, 250 ग्राम तिल का तेल, सवा मीटर काला कपड़ा एक नारियल, शनिवार
को पद्मावती को भेंट कर पूजा करें। (8)विवाह में विलम्ब हो तो शनिवार को सूर्योदय के समय सरसों के तेल का दीपक
तथा तीन अगरबत्ती जलाकर मुनिसुव्रत नाथ भगवान की पूजा शनिवार से लगातार
45 दिन करे तो विवाह में आ रही बाधा अवभय दूर होगी। (9) यदि विवाह नहीं हो रहा हो तो बुधवार के दिन आठ बेसन के लड्डू, एक माला,
एक पान, थोड़ा सा सिदूर और घी पद्मावती माता को समर्पित करें। सात बुधवार
ऐसा करने से आपको लाभ मिलेगा। (10) लड़की को विवाह में बाधा हो तो बुधवार संध्याकाल में केले के पौधे को विधि पूर्वक
जल चढ़ाकर, दीपक जलाकर निमंत्रण दें, तथा गुरूवार को प्रातः काल विधि पूर्वक जड़ प्राप्त करके हल्दी मिश्रित जल से शुद्ध करके पीले कपड़े में लपेटकर पीले धागे से गले में धारण कर लें तथा बृहस्पति मंत्र का जाप करे। ॐ बृं बृहस्पते नमः" |
(62 ) सुखी वैवाहिक जीवन
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