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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
जड़ लूंगा। पुनः शुक्रवार को स्नानादि से निवृत्त होकर सूर्योदय के समय एक लोटा जल पौधे पर चढ़ाकर, अगरबत्ती जलावें तथा “ॐ शुं शुक्राय नमः" अथवा "ॐ ह्रीं श्री पुष्पदन्त जिनेन्द्राय नमः" अथवा "ॐ ह्री णमो उवज्झायाणं" मंत्र की जाप करते हुए परिक्रमा करें, फिर थोड़ी सी जड़ बिना किसी औजार से निकालकर घर ले आकर जल से शुद्ध कर ऊपर के मंत्र से मंत्रित करके श्वेत वस्त्र में लपेटकर दायें हाथ में बांध लें तथा ऊपर के किसी एक मंत्र का जाप करें, तो शीघ्र विवाह
होगा। (2) यदि विवाह में अत्याधिक विलम्ब हो गया हो और संभावनाएं भी क्षीण होती लग
रही हो, तो शुक्लपक्ष के प्रथम गुरुवार को पद्मावती देवी के चित्र के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर, नैवेद्य आदि समर्पित करके, देवी जी के मंत्र की एक माला नित्य जपें अतिशीघ्र लाभ होगा। जाप के लिए कमल बीज (कमल गट्टे)
की माला लें तो अति उत्तम है। (3) शीघ्र विवाह की अभिलाषी कन्या किसी दूसरी लड़की के विवाह में जाकर उसके
उबटन (तेल आदि चढ़ने वाला पदार्थ) में से थोड़ा उबटन प्राप्त कर के घर लाकर उसकी गणेश आकृति बनाकर पूजा स्थान में पीले वस्त्र के आसन पर विराजित करके सिन्दूर व हल्दी चढ़ाकर कामना करें कि मेरा विवाह शीघ्र हो जाय तथा “ॐ णमो श्री सिद्धाणं" मंत्र का जाप करें, इससे शीघ्र विवाह होगा अथवा “ॐ
ह्रीं श्री मुनिसुव्रत जिनेन्द्राय नमः" का जाप करें। (4) लड़की वाले जब शादी की बात करने जाएं तो उस समय लड़की को प्रसन्न होकर
मिठाई खिलाकर भेजें व वह अपने बालों को खुला रखें। (5) मनोवांछित जीवन साथी हेतु- शुक्र यंत्र के सामने शुक्र मंत्र का जाप करें व जब
भी किसी विवाह में जायें तो दूल्हे या दुल्हन को जो मेंहदी लगाते हैं, उसमें से थोड़ी मेंहदी लेकर अपने हाथ पर लगायें। अथवा विवाह योग्य कन्या नहाने के
जल में एक चुटकी हल्दी डालकर स्नान करें तो शीघ्र विवाह होय। (6) शीघ्र विवाह हेतु- शुक्ल पक्ष के प्रथम गुरुवार को प्रातः काल स्नानादि के पश्चात्
केले के वृक्ष को जल चढ़ायें व चने की दाल व गुड़ का भोग समर्पित करें तथा पौधे पर मोली लपेटकर २१ परिक्रमा करें व १६ गरुवार का व्रत करें और "ॐ नमः भगवते वासुदेवाय" अथवा "ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रतनाथाय नमः" की जाप
करें। (7) शीघ्र विवाह हेतु सोमवार को सवा किलो चने की दाल व सवा लीटर दूध दान करें
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