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तन्त्र अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
(6) गले का काग बड़ गया हो तो चूल्हे की राख याने चूल्हे की मिट्टी निकालकर
कालीमिर्च को पीसकर अपने अँगुली पर लगाकर चतुराई से लगा दें। (7) बालक की आँखें गर्मी सर्दी से या दाँत निकलने के समय दु:खने लगती हैं तब
रसौद को पानी में घिसकर लेप करें। (8) बालक की रक्षा- धृत,आक का दूध, कनटी (मेनसिल) और वि व भेशज (सोंठ) का लेप करने से भी भूतग्रह व्याधि विघ्नों से बालक की रक्षा होती है।
(39) बच्चों के दांत निकलने में सरलता (1) बालक के दांत निकलने का फल- यदि बालक दांत निकले हुए पैदा
हो अथवा उसके पहले माह में दांत निकल आवे तो बालक सम्पूर्ण कुल को नष्ट कर देता है। दूसरे माह में निकले हुए दांत पिता अथवा बालक के अत्यन्त शीघ्र नाश को प्राप्त होने को सूचित करते हैं। तीसरे माह में माता-पिता या स्वयं बालक की ही मृत्यु हो। चौथे माह में अपने से बड़े भाई या भानजे की मृत्यु हो। पांच माह में निकले दांत से पिता की सम्पत्ति जनावर आदि नष्ट होते हैं। छठे माह में निकले तो सर्वनाश होकर खूब
कलह होती है सातवें माह में धनधान्यादि नष्ट हो जाते हैं। (2) शांति का उपाय- पूर्व में उगी हुई सफेद सिंदूरनार की जड़ को बालक के कंठ में
बांधने से दांतों से पैदा हुए दोष शांति को प्राप्त होते हैं। (3) दांत निकले–कपूर की डलियों की माला बनाकर बच्चे के गले में पहनावे तो
सुखपूर्वक दांत आयेंगे। (4) बच्चों के दांत निकलने में सरलता- सिरस के २१ बीजों में छेद करके सफेद सूती
धागे में पिरोकर माला तैयार कर बच्चे के गले मे पहना दें तो उसके दांत आसानी
से निकल आएंगे। (5) दांत आसानी से आयें- सम्हालू की मूल गले में बांधने से बच्चों के दाँत आसानी से
आते हैं। अथवा हाथ पैर में लोहे का कड़ा पहना देने से बालक को नजर भी न लगे
व दांत भी सुविधा से निकलते हैं। (6) बच्चा मां का दूध पीने के बाद तुरन्त वमन कर दें तो उसके निकट शीघ्र ही कांसे
का बर्तन रखकर बजायें इस टोटके से वमन का वेग रुक जाता है। मां उसके मुंह
में अपने मुंह की भरी वायु छोड़े तो भी वमन रुक जाता है। (7) शंखपुष्पी की जड़ शुभ मुहूर्त में लाकर भुजा में बांधने से बिना कष्ट के दांत
निकल आते हैं
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