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________________ स्वास्थ्य अधिकार मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर लेपेन लिंग सहसैव पुंसा, लागोपम स्पाटिति इष्टमेतत्।। अर्थ- भैंस के मक्खन में बख, चरेटी और पारा मिलाकर लेप करने से मनुष्य का लिंग लोह दण्ड के समान हो जाता है। 10. भिलावे की लकड़ी सेवार, कमल पत्र को जलाय सेंधा नमक मिलाकर बड़ी कटहरी के साथ पानी में पीसकर लेप करें तो लिंग घोड़े के समान दृढ़ और मोटा हो जाता है। 11. अश्वागंधा बारी कुण्ठ, लांसी सिंहों भलाविन्तः। चतुवूने दुग्धेन तिल तैल गिचयेन्, स्तर दीर्ग करणपाणो बन्धन भक्षणदित।। अर्थ- शताबरी अश्वगंधा, कूट, जटा मांसी करेली भल के चौगुने दूध, तिल के तेल में पकाकर लेप करने से लिंग में वृद्धि होती है तथा इसके भक्षण से गुण आता 12. जटाधारी (काशी) त्रिफला, कूट असगंध और शतावरी इन सबको तेल में पकाकर लेप करने से लिंग अवश्य मोटा हो जाता है। 13. भांग के बीज के तेल में अफीम जायफल और धतूरे का चूर्ण समान भाग में चारों मिलाकर मक्खन या तेल में पीस लें। इस तेल की एक बूंद भी लिंग पर लेप करें तो सर्वदा भोग की इच्छा बनी रहें तथा लिंग मोटा और लम्बा हो जाए। (185) विशेष नुस्खे 1. दाँत मन्जन- लौंग, सोंठ, दालचीनी, हरड़ बड़ी, कत्था, सुपारी चिकनी, नागरमोथा १२.५-१२.५ ग्राम और कालीमिर्च २५ ग्राम गेरू लाल १२५ ग्राम इन सबको बारीक कूट छान लों। और कपूर १२.५ ग्राम, पिपरमेन्ट का फूल २.४ ग्राम, अजवाइन का फूल २.४ ग्राम मिलाकर मन्जन बना लो। इस मन्जन से दातों की अनेक प्रकार की बीमारियाँ मिट जाती है तथा इससे मुँह साफ रहता है। 2. हींग्वष्टक चूर्णः- सोंठ, कालीमिर्च, पीपल, सेंधानमक, सफेद जीरा, स्याहजीरा, अजमोद, हींग भूनकर सबको समभाग लेकर कूट छानलो। यह पूर्ण हाजमा शक्ति प्रदान करता है तथा अजीर्ण नाशक एवं स्वादिस्ट होता है। 3. लवण भास्कर चूर्ण- पित्तपापड़ा, पीपलामूल, पीपल, धनिया, स्याहजीरा, काला जीरा, सेंधानमक, वायविडंग, तालीसपत्र, नागकेशर, अमलबेल, बिड़नमक, जीरा सफेद, कालीमिर्च, सोंठ २५-२५ ग्राम, नमक संचर ६२.५ ग्राम, तज आधा तोला, इलायची छोटी १२.५ ग्राम, समुद्रनमक ६२.५ ग्राम, अनारदाना ६२.५ ग्राम, अमलबेल 603
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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