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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
से स्नान करे तो सूखी खुजली मिट जाय। 8. सूखे आँवले, सफेद कत्था, पंवाड के बीज इनको बराबर लेकर दही के तोड़ में
पीसकर मेहँदी की तरह लगावें इससे नया दाद मिटे। 9. कपास के बीजों को नीम्बू के रस में पीसकर, दाद को कण्डे से खुजालकर लेप करने
से दाद रोग मिटता है। 10. कनेर की पत्तियों की भस्म सरसों के तेल में मिलाकर लगाने से दाद, खाज, फोड़ा, ___ कुंसियाँ दूर होती है। 11. दाद- मूंग पानी में भिगोए पानी सोखने पर दाद पर मलें दाद ठीक होगी।
(138) घाव ठीक के बाद सफेद दाग का उपाय 1. मेनशिल, मजीठ, लाख तथा दोनों हल्दी सबको बराबर महीन पीस कर घृत और मधु (चाशनी) मिलाकर दाग पर लेप करने से घाव के दाग मिटकर शरीर की त्वचा
सदृश हो जाती है। 2. मूली के बीजों को पानी में पीसकर लगावें और धूप में बैठें। इस तरह 7 दिन तक
करने से घाव का दाग मिट जाता है। 3. चर्म रोग हर मल्हम : पारा, गंधक, कालीमिर्च, नीलाथोथा, सिन्दूर, कालाजीरा,
सफेदजीर, 12.5-12.5 ग्राम लेकर पहले पारा और गंधक की कजली करें। फिर सबका बारीक चूर्ण मिलाकर खूब खरल करें पश्चात् सबके बराबर धोये हुये हुए घृत में मिलाकर मल्हम बना लें। इसके लगाने से पामा, खुजली, दाद आदि रोग मिटते
4. नाड़ी व्रण (नासूर)- थूहर के दूध तथा आक के दूध में दारूहल्दी भिंगोकर घिस लें और बत्ती बनाकर व्रण के मुँह में रखें। इससे नासूर तक मिट जाता है।
(139) अग्रि से जले हुए तथा अन्य उपाय 1. अग्रि से जले हुए रोगी को अग्रि से तपाना लाभदायक होता है। 2. अगर आदि गर्म वस्तुओं का लेप करने से अग्नि से जले हुए में फायदा होता है। 3. पुराना खाने का चूना लेकर दही के तोड़ में मिलाकर लेप करने से जले हुए का फफोला मिट जाता है। 4. जौं को जलाकर राख बनाकर तिल के तिल में मिलाकर लेप करने से जले हुए में फायदा होता है। 5. भुना हुआ जीरा महीन कर उसके बराबर मोम, राल और घृत मिलाकर लेप करने से जले हुए में फायदा होता है।
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