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________________ स्वास्थ्य अधिकार मंन्त्र, यन्त्र और तन्त्र मुनि प्रार्थना सागर सहायता से ठीक किया जा सकता है। कनेर पुष्पों का अवलेह बनाकर पानी के साथ संबंधित स्थान पर लगाया जाता है। 4. कैंसर - तुलसी के ताजे २५ पत्ते पीसकर १०० ग्राम मट्ठे के साथ २१ दिन तक लेने से लाभ होता है। रोग समूल नष्ट होने तक पिलाते रहें। (135) खुजली दूर ; 1. खुजली दूर - तुलसी के पत्ते, लहसुन व काली मिर्च को पीसकर कुनकुना लेप लगाने से खाज-खुजली निश्चित दूर हो जाती है। (136) व्रण (फोड़ा - फुन्सी) रोग जौ, गेहूँ और उड़द को महीन पीसकर पानी में गर्म करके 1. व्रण पकने के लिए लेप करने से व्रण पक जाता है। 2. नीम का पत्ता, नील, दांतुणी, निसोत, सेंधानमक इन सबको महीन पीसकर लेप करने से भयंकर व्रण भी मिट जाता है । 3. गुग्गल के साथ त्रिफल का क्वाथ पीने से व्रण रोग मिट जाता है । 4. पाँवों की अँगुलियों के फोड़ा होने पर उपाय गुलाब की पत्तियों को गुलाब जल में पीसकर गर्म करके गाढ़ा - गाढ़ा लेप करें और ऊपर से बंगला पान बाँधने से सब प्रकार के फोड़ों को पकाकर मवाद निकाल देता है । - 5. बबूल की गोंद और कबेला 12.5-15 ग्राम इनको पानी में पीसकर लगावें, ऊपर से बंगला पान बाँधे इससे फोड़ा पक्कर मवाद निकलकर फायदा होगा । (137) दाद और पाँव तथा खुजली रोग 1. घृत, धतूरा, पारा और गन्धक के चूर्ण का मर्दन करने से खुजली मिटती है। 2. अन्दाजन 1 पाव गुड़ की नरम डली को दाद पर बार-बार रख कर उठाते रहने से पुराने से पुराना भयानक दाद भी मिट जाता है। 3. लोपा हुआ पुराना लेवड़ा पर सुबह उठते ही थूक डालकर रगड़ कर उस मल्हम को लगाने से दाद मिट जाता है। 4. सुबह उठते ही अपने बासी थूक को लगाने से दाद मिटती है। 5. इमली छाल जलायके, अलसी तेल मिलाय । दाद होय तहां लेपिये, रोग पुराना जाय ।। 6. सिंघाडा का आटा 4.8 ग्राम और अफीम 0.8 ग्राम इन दोनों को नीम्बू के रस में घोटकर लेप करने से सूखा दाद मिट जाता है। 7. 50 ग्राम सरसों को जल में महीन पीसकर गुनगुना करके उबटन करें फिर गर्म पानी 580
SR No.009381
Book TitleSwasthya Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages103
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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