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स्वास्थ्य अधिकार
मन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
25. बबासीर :- बबासीर में आक के दूध में अफीम घोलकर ,मस्सों पर लगाने से
उनका दर्द दूर हो जाता है। 26. बबासीर (पाइल्स):- बबासीर में रक्त आता हो तो नींबू के टुकड़े में सेंधा नमक
भरकर चूसने से रक्तस्राव बंद हो जाता है। 27. बादी बबासीर में - छोटी हरड़ के चूर्ण को तीन ग्राम मात्रा में थोड़ा सैंधा नमक
मिलाकर पानी के साथ दिन में दो बार लेने से लाभ होता है। मस्सों पर पानी में
घिसकर हरण को लगाने से पीड़ा दूर होती है मस्से सिकुड़ते हैं। 28. रक्तार्श बबासीर :- खूनी बबासीर हो तो हरड़ छोटी को १५ ग्राम लेकर जौकुट
करें, इसे एक किलो पानी में डालकर काढ़ा बनावें जब १०० मिली के लगभग
शेष रहे तब इसमें से ५० मिली प्रातः तथा सायं काल पिलाना चाहिए। 29. अनार के फल के छिलको का १ चम्मच चूर्ण दिन में तीन बार लेने से खूनी
बबासीरमें लाभ होता है। 30. बवासीर निवारण हेतु -हरसिंगार के फूल की पंखुड़ी 7 ग्राम, काली मिर्च 3
ग्राम. भांग 2 ग्राम पाऊडर बनाकर खाली पेट एक माह में 1 बार 6 ग्राम की मात्राा में चाटें इस प्रकार 5माह लेने से सम्पूर्ण प्रकार की बवासीर मिटती हैं . सात दिन तक पके केले के अन्दर 5 ग्राम कपूर रखकर खाने से बवासीर में आराम मिलता हैं। अथवा नीम की बिनौली सुखाकर पीसकर पानी के साथ लें। चाय मिर्च का परहेज करे।
दही अथवा छाछ का सेवन करें तो बवासीर ठीक होगी। 32. खूनी बवासीर के लिए- सूखे आँवलों के छिलकों का चूर्ण ३.२ ग्राम और मिश्री
३.२ ग्राम मिलाकर खाना चाहिये। 33. नागकेशर ४.८ ग्राम, मिश्री १२.५ ग्राम मिलाकर नित्य खाने से खूनी बवासीर में
निश्चय ही आराम होगा। 34. ५ खुरमानी को रात में भिगो दें, सुबह उस पानी को पीवें व खुरमानी को खावें, इससे
बवासीर में आने वाले खूनी दस्तें रुकेंगी। 35. १ नारियल के छिलके को जलाकर उसकी राख बना लें फिर उसके बराबर शक्कर
मिला लें और तीन खुराक करके ले लें इससे मस्सा का खून बन्द हो जायेगा और १
साल तक वापिस नहीं होगा। 36. ननौसादर, चौख, नीम्बू के रस में गोली बना लेवें, और गोली को घिसकर मस्से पर लगाने से मस्सा झड़ जाता है। मस्सा नहीं रहता।
(125) मूत्र (पेशाब) रोग
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