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स्वास्थ्य अधिकार
मंन्त्र,यन्त्र और तन्त्र
मुनि प्रार्थना सागर
४. गेहूँ के आटे का लेप करने से दाह रोग मिटता है। ५. तुलसी के रस का मर्दन करने से दाह रोग शमन होता है। ६. पेट या शरीर की गर्मी शान्त करने के लिए अंजीर को शक्कर के साथ खाना चाहिए। ७. पुनर्नवा को शक्कर के साथ खाने से पित्त गल जाता है। ८. आँवला के पानी में कपड़ा भिंगोकर ओढ़ने से दाह रोग मिट जाता है।
(49) खाँसी रोग १. काकड़ासिंगी को औटाकर पिलाने से खाँसी मिटती है। २. १२.५ ग्राम गुड़ और १२.५ ग्राम सरसों का तेल मिलाकर चाटने से सूखी खाँसी
मिटती है। ३. सोंठ, पीपल, कालीमिर्च का चूर्ण लेने से खाँसी मिटती है।
(50) सूखी खाँसी १. अडूसा, मुनक्का व मिश्री मिलाकर पीने से सूखी खाँसी मिटती है। २. तुलसी के पत्तों से सूखी खाँसी मिटती है। ३. शतावरी, अडूसा का पत्ता तथा मिश्री औटाकर पीने से सूखी खाँसी मिटती है। ४. तिल और मिश्री औटाकर पीने से सूखी खाँसी मिटती है। ५. केर की लकड़ी की भस्म .१ ग्राम (१ रत्ती) खाने से सूखी खाँसी मिटती है। ६. अरीठा की छाल खाने से छाती में जमा हुआ कफ पतला होकर निकल जाता है। ७. छोटी इलायची और पीपलामूल के चूर्ण को घृत के साथ चाटने से कफ निकल जाता है।
(51) श्वास-खाँसी१. काली मिर्च के चूर्ण को मिश्री की चासनी में लेने से श्वास- खाँसी मिटती है। २. पीपल १भाग और बहेड़ा का २ भाग चूर्ण को मिश्री की चासनी में लेने से निःसन्देह
सब तरह की खाँसी मिटती है। ३. गुड़ १०० ग्राम, जवाखार ४.८ ग्राम (६ माशा) काली मिर्च १२.५ग्राम, पीपल
२२.५ ग्राम और अनार का छिलका २५ ग्राम, सोंठ १२.५ ग्राम इन सबका चूर्ण बनाकर फिर उसे गुड़ में मिलाकर छोटे बेर प्रमाण गोलियाँ बनाकर चूसते रहने से सब
प्रकार की खाँसी मिटती है। ४. सत्यानासी की जड़ की छाल का चूर्ण सेवन करने से सूखी या तर खाँसी मिटती है,
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