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महाराज साहब का जिन्होंने मेरे जीवन में सद् संस्कारों का रोपण किया। मैं आभारी.. हूँ मेरी धर्मपत्नी श्रीमती रतन चोरडिया एवं पुत्र श्री अशोकं चोरडिया एवं परिवार के अन्य सदस्यों का जिन्होंने पारिवारिक दायित्वों से आंशिक मुक्त कर स्वावलम्बी अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों के माध्यम से रोगग्रस्त मानव की सेवा करने तथा जनसाधारण में उसके प्रति सजगता जागृत करने में सहयोग दिया। पुस्तक प्रकाशन के कार्यों हेतु निःस्वार्थ सेवाएँ देने हेतु मैं प्रकाशंजी सालेचा एवं राजकुमारसिंह जी भण्डारी का विशेष आभारी हूँ। पुस्तक का आमुख लिखने के लिए प्रोफेसर लक्ष्मीकान्त जी जोशी एवं पुस्तक लिखने की प्रेरणा देने के लिए श्रद्धेय महोपाध्याय .. ललितप्रभसागर जी महाराज साहब का विशेष आभार प्रकट करता हूँ। मै आभारी हूँ उन सभी विद्वतजनों का जिसने पुस्तक की पाण्डुलिपि को पढ़कर अपने अभिमत भिजवाने का श्रम किया। मैं आभारी हूँ उन गुरुजनों का जिन्होंने मुझे बिना दवा विभिन्न उपचार-पद्धतियों का आत्मीयता से प्रशिक्षण दिया। विशेष रूप से श्री विपिनभाई शाह, कान्तिभाई शाह, स्वर्गीय डा. जी.के ठक्कर, डा. देवेन्द्र बोरा, डा. महेश • भाई पारीक (मुम्बई), डा. जितेन भट्ट, सुरेश भाई सर्राफ एवं मायाबेन पंजाबी (बड़ौदा). .
डा. सुमनभाई शाह (कलकत्ता), डा. ई. डब्लू. पार्क (कोरिया), धर्मानन्दजी (देहली), डा. अजीत मेहता (जयपुर) इत्यादि। इस अवसर पर मैं विशेष आभारी हूँ उन 'प्रत्यक्ष-अप्रत्यक्ष समस्त लेखकों, विचारकों, संतों का जो इस क्षेत्र में अपने विचारों ।'
की अभिव्यक्ति कर जनचेतना जागृत करने में संलग्न हैं। जिनकी वार्ताएँ एवं विचार सुन अथवा पुस्तकें पढ़ मेरे जीवन में स्वावलम्बी चिकित्सा के प्रति आत्मविश्वास जाग्रत हुआ। मैं उन सभी थैरेपिस्टों, पाठकों, चिकित्सकों एवं श्रोताओं का भी आभारी हूँ जिन्होंने मेरी वार्ताएँ सुन तथा मेरे आलेखों को पढ़ प्रत्यक्ष–परोक्ष रूप से मुझ ऐसी पुस्तक लिखने हेतु प्रेरित किया। मैं सर्वाधिक आभारी हूँ, उन समस्त रोगियों का जिन्होंने मुझ पर विश्वास कर ऐसी चिकित्सा पद्धतियों द्वारा रोग मुक्ति पाकर .. अहिंसात्मक चिकित्सा पद्धतियों के प्रति जनचेतना एवं विश्वास जाग्रत किया। .
.. डॉ. चंचलमल चोरडिया , . चोरडिया भवन, जालोरी गेट के बाहर......
. .जोधपुर(राज.) 342 003 फोन. निवास 0291-621454 437689