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द्रेष्काण
सू.ब.
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श.
रा.
7
1
षोडशांश- यह लग्न कुण्डली का 1/16 वां । भाग होता है। इससे जातक के वाहनादि सुखों के बारे में जाना जाता है। प्रत्येक भाग का मान 1°52'30 होता है। त्रिंशांश- यह लग्न कुण्डली का 1/30 वां भाग होता है। इससे जातक का अभीष्ट विचार किया जाता है। प्रत्येक भाग का मान 1° होता
मं.3X
10 ग.
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4X
षट्यांश- यह लग्न कुण्डली का 1/60 वां भाग होता है। इससे जातक का सर्वांगीण (सभी विषयों पर) विचार किया जाता है। प्रत्येक भाग का मान 30' होता है।
सप्तांश
नवांश
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दशमांश
द्वादशांश
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