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19-20. Divisional Charts
पाठ- 19-20. वर्ग विचार
जन्मकुण्डली में विभिन्न विषयों के फलादेश करने के लिए हमें लग्न के स्थूलमान को सूक्ष्मस्तर तक पहुँचाने हेतु वर्ग साधन करते हैं। जन्मकुण्डली के विभिन्न वर्ग होते हैं। वर्गों में मुख्य रूप से दशवर्ग ही महत्वपूर्ण है। जिनमें- लग्न, होरा, द्रेष्काण, सप्तमांश नवमांश, दशमांश, द्वादशांश, षोडशांश,त्रिशांश और षठ्यांश है। होरा-यह लग्न कुण्डली का 1/2 भाग होता हैं, इससे जातक की सम्पन्न्ता का विचार किया जाता है। इसका प्रत्येक भाग का मान 15' होता है। विषम राशि
सम राशि
1, 3, 5, 7, 9, 11 0 से 15' = सिंह 15 से 30' = कर्क
2, 4, 6, 8, 10, 12 0 से 15' = कर्क 15 से 30 = सिंह
द्रेष्काण - यह लग्न कुण्डली का 1/3 भाग है। इससे जातक के भाई बहनों के बारे में जाना जाता है प्रत्येक भाग का मान 10° होता है।
द्रेष्काण तालिका अंश राशि, । मेष वृष मिथुन कर्क सिंह कन्या तुला वृश्चिक धनु मकर कुम्भ मीन
0°से10° 10°से20°
1 5
2 3 6 7
4 8
5 9
6 10
7 11
8 12
9 1
10 2
11 12 3 4
20°से30°
9
10 11
12
1
2
3
4
5
6
7
8
नवांश- यह लग्न कुण्डली का 1/9 वां भाग है। इससे जातक के जीवन साथी के बारे में जाना जाता है। प्रत्येक भाग का मान 3920' होता है।