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राहु महादशा में अन्तर्दशा
ग्रह रा. बृ. श. बु. वर्ष 2 2 2 2 मास 8 4 10 6
के. 1 0
शु. सू. 3 0 0 10
चं 1 6
मं । 1 0
दिन 12
24 6
18
180
240
18
अन्तर दशा साधन विधि भी उसी अनुपात में है जिस अनुपात में दशा की अवधि दी गई है।
इसके लिए एफेमेरीज में दी गई अन्तर्दशा तालिका की सहायता से लेंगे। शनि की महादशा भोग्यकाल 10 वर्ष 11 माह 3 दिन शेष रह गये थे अर्थात् शनि की 19 वर्ष की महा दशा के 8 वर्ष 0 माह 27 दिन जन्म समय बीत चुके
थे।
अगर हम एफेमेरीज में विंशोतरी अन्तर्दशा तालिका में शनि महादशा में देखें तो 9 वर्ष 11 माह 21 दिन में शनि में शुक्र का अन्तर समाप्त हो जाता है। जन्म समय शनि महादशा 8 वर्ष 0 माह 27 दिन वितेगी अर्थात् जन्म समय शनि की महादशा में शुक्र का अन्तर चल रहा था अगर 9 वर्ष 11 माह 21 दिन में से बीती शनि की दशा अर्थात 8 वर्ष 0 माह 21 दिन घटा दें तो शेष 1 वर्ष 10 माह 24 दिन रहे जायेंगे जो शनि की महादशा में शुक्र की अन्तर दशा का शेष भोग्य काल है।
इस भोग्य काल की जन्म तारीख में जोड़ देने से शनि में शुक्र का अन्तर का समाप्ति काल आ जायेगा।