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वृश्चिक छेद या बिल वाला स्थान, विष, शीर्षोदय राशि चौड़ी, फैली हुई आंखें तथा छाती। बाल्यावस्था में बिमार क्रूर कामों में रूची, साहसी, सहनशक्ति, प्रबन्धक, शुभ राशि होती है।
धनु वह स्थान जहां घोड़े, हाथी या रथ (मोटर कार) रखे जाते हैं। राजा का निवास, पाप राशि, पुरुष राशि, दिन बली, पृष्ठोदय, लम्बोत्तरा चेहरा और गर्दन कान तथा नाक बड़े, अत्यधिक उदार अच्छे दिल वाला, भौतिक संस्कृति को पसंद करने वाला, यात्रा-पसंद, उंची आवाज आदि लक्षण के होते हैं।
मकर
जलीय स्थान, बहुत मात्रा में पानी वाले स्थान, नदी के किनारे, पृष्ठोदय राशि, निचले अंगों में कमजोरी, बलवान होते हैं।
कुम्भ
वे स्थान जहां पानी सूख जाता है। जहां शराब बनता है, जहां पक्षी रहते हैं। जहां घड़े रखे जाते हैं। पाप राशि, दिन बली, शीर्षोदय, देखने में सुंदर, प्रतिभावान, क्षमाशील स्वभाव का होता है। मीन
धार्मिक, पवित्र स्थान, पवित्र नदियों का स्थान, मंदिर, तीर्थ स्थान, समुद्र आदि स्थान कद छोटा, उभयोदय सुगठित शरीर, पत्नी को चाहने वाला, शिक्षित विद्वान, कम बोलने वाला होता है। राशियों की प्रकृति
चर- चर स्थिर एवं द्विस्वभाव होता है। मेष, कर्क, तुला, मकर को चर कहते
स्थिर-वृष, सिंह, वृश्चिक, कुम्भ को स्थिर कहते हैं। द्विस्वभाव- मिथुन, कन्या, धनु, मीन को द्विस्वभाव कहते हैं। तत्व- अग्नि, पृथ्वी, वायु एवं जल होता है।