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वेध स्थान
5,3,9,1,8,12 (बुध को चन्द्रमा का बेध नहीं होता) बृहस्पति के शुभ स्थान 2,5,7,11 वेध स्थान
12,4,3,10,8 शुक्र के शुभ स्थान 1,2,3,4,5,8,9,11,12 वेध स्थान
8,7,1,10,9,5,11,36 शनि के शुभ स्थान 3,6,11 वैध स्थान
12,9,5 (शनि को सूर्य का वैध नहीं होता)
विपरीत वेध या वाम वेध
भारतीय ज्योतिष में ग्रहों के शुभ स्थान तथा वेध स्थान निश्चित है जो ऊपर दिये गये हैं। जब कोई ग्रह वेध स्थानों पर गोचर करता है तो अशुभ फल देता है। परन्तु उस समय कोई अन्य ग्रह शुभ स्थानों पर गोचर कर रहा हो तो ग्रह अपना अशुभ फल स्थगित कर देता है जैसे सूर्य के शुभ स्थान 3,6,10,11 है तथा वैध स्थान 9,12,4,5 है। अब यदि सूर्य 9वें भाव में गोचर करेगा तो अशुभ फल देगा। परन्तु यदि उस समय कोई अन्य ग्रह (शनि के अतिरिक्त) शुभ स्थान 3 में हो तो सूर्य का अशुभ फल नहीं होगा। इसे विपरीत वेध या वाम वेध कहते हैं।
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