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5. पंचमभाव में बुध हो तो जातक उद्यमी, विद्वान्, कवि प्रसन्न कुशाग्रबुद्धि, गण्य-मान्य, सुखी, वाद्यप्रिय एवं सदाचारी होता है।
6. षष्ठभाव में बुध हो तो जातक विवेकी, कलहप्रिय, वादी, रोगी, आलसी, अभिमानी, परिश्रमी, कामी, दुर्बल एवं स्त्रीप्रिय होता है।
7. सातवें भाव में बुध हो तो जातक सुन्दर, विद्वान्, कुलीन, व्यवसायकुशल, धनी, लेखक, सम्पादक, उदार, सुखी, अल्पवीर्य, दीर्घायु एवं धार्मिक होता है ।
8. अष्टमभाव में बुध हो तो जातक दीर्घायु, अभिमानी, राजमान्य कृषक, लब्धप्रतिष्ठ, मानसिक दुखी, कवि, वक्ता, न्यायाधीश, मनस्वी, धनवान् एवं धर्मात्मा होता है।
9. नवमभाव में बुध हो तो जातक विद्वान् लेखक, ज्योतिषी, धर्मभीरु, व्यवसाय प्रिय, भाग्यवान्, सम्पादक, गवैया, कवि एवं सदाचारी होता है।
10. दशमभाव में बुध हो तो जातक सत्यवादी, मनस्वी, व्यवहार कुशल, लोकमान्य विद्वान लेखक, कवि जमींदार, मातृ-पितृ भक्त राजमान्य, न्यायी एवं भाग्यवान होता है।
11. ग्यारहवें भाव में बुध हो तो जातक ईमानदार, सुन्दर, पुत्रवान् सरदार, गायनप्रिय, विद्वान्, प्रसिद्ध, धनवान्, सदाचारी, योगी, दीर्घायु, शत्रुनाशक एवं विचारवान् होता है।
12. बारहवें भाव में बुध हो तो जातक अल्पभाषी, विद्वान्, आलसी धर्मात्मा, वकील, सुन्दर, वेदान्ती, लेखक, दानी एवं शास्त्रज्ञ होता है।
बृहस्पति
1. लग्न ( प्रथम ) में गुरु हो तो जातक विद्वान् दीर्घायु, ज्योतिषी कार्यपरायण, लोकसेवक, तेजस्वी, प्रतिष्ठित, स्पष्टवक्ता, स्वाभिमानी सुन्दर सुखी, विनीत, पुत्रवान् धनवान्, राज्यमान, सुन्दर एवं धर्मात्मा होता है।
2. द्वितीयभाव में गुरु हो तो जातक मधुरभाषी, सम्पत्ति और सन्ततिवान्, सुन्दरशरीरी, सदाचारी, पुण्यात्मा, सुकार्यरत लोकमान्य राज्यमान्य व्यवसायी, दीर्घायु, शत्रुनाशक एवं भाग्यवान होता है।
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