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________________ 8. The Effects of Line of Heart अध्याय - 8 हृदय रेखा का प्रभाव हथेली पर मौजूद हर रेखा अपने आपमें एक प्रकार के जीवन शक्ति प्रवाह की परिचायक होती है, तथा यही रेखायें व्यक्ति के जीवन की सूक्ष्मतर स्थितियों का संकेत करती हैं। इन्ही रेखाओं के दोषी होने पर व्यक्ति के जीवन पर बुरा प्रभाव पड़ता है स्पष्ट और अटूट रेखाएँ व्यक्ति के जीवन के सफलता को प्रमाणित करती हैं। हस्त रेखाएँ पूरे जीवन की व्याख्या कर देती हैं। हथेली की प्रत्येक रेखा व्यक्ति के किसी न किसी घटना को स्पष्ट करती है। यह ध्यान रखना आवश्यक है कि घटनाओं की निश्चित् तिथियाँ नहीं बतायी जा सकती पर स्थान, नाम आदि बताना सम्भव है। गहन अध्ययन एवं अनुभव के आधार पर घटित घटनाओं को ठीक पास में लाया जा सकता है। अधिक अभ्यास हो जाने के बाद आप घटना के लिए जो तिथि निर्णय करेंगे तो आम तौर पर उस तिथि पर वह घटना घटेगी, यह परिश्रम अध्ययन और फलादेश की प्रमाणिक युक्ति है। यह भी ध्यान रखना होता है कि मस्तिष्क के गुणों, दोषों के अनुसार रेखायें परिवर्तित होती रहती हैं। हृदय रेखा 16 प्रकार की मानी गई है:- जगती, राजपददात्री, कुमारी, गान्धारी, सेनानित्वप्रदा दरिद्रकारी धृती वासवी चम्पकमाला वैश्वदेवी त्रिपदी महाराजकरी रमणी चपलवदना कुग्रहणी आदि । · 98 " " " . कभी-कभी हथेली पर बहुत अधिक और कभी - 2 बिल्कुल कम रेखाएँ देखने में आती हैं। जीवन रेखा एक ऐसी रेखा है जो प्रत्येक मनुष्य के हथेली में होती है, अन्य रेखाओं की अनुपस्थिति में दूसरी छोटी रेखाओं द्वारा पूर्ण की जाती है।
SR No.009372
Book TitleSaral Hastrekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year2001
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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