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उठ रहा हो और शनि के नीचे हो तो सिर में किसी प्रकार के खतरे का सूचक है। हृदय रेखा किसी वर्ग में प्रवेश करने से प्रेम के कारण भारी संकट का सामना करना पड़ता है। जब जीवन रेखा वर्ग में से गुजरती हो तो यह इस बात का सूचक है कि उस आयु पर व्यक्ति की दुर्घटना होगी, परन्तु मृत्यु से रक्षा होगी। शुक्र पर्वत पर होने से काम संवेगों के कारण संकट से रक्षा होती है, ऐसी स्थिति में व्यक्ति काम वासना के कारण अनेक तरह के खतरे में पड़ता है, लेकिन हमेशा बच निकलता है। वर्ग जीवन रेखा के बाहर हो तथा मंगल क्षेत्र से आकर जीवन रेखा को छू रहा हो, तो इस स्थान पर वर्ग के होने से कारावास या भिन्न प्रकार का रहन सहन होता है। जब वर्ग किसी भी पर्वत पर होता है तो उस पर्वत के गुणों के कारण होने वाले किसी भी अतिरेक से रक्षा का सूचक होता है। गुरु पर होने से व्यक्ति की आकांक्षा से उसे रक्षा प्रदान करता है। शनि पर होने से खतरों से रक्षा करता है। सूर्य पर होने से प्रसिद्धि की इच्छा को बढ़ाता है। चन्द्र पर होने से अधिक कल्पना एवं अन्य रेखा के दुष्प्रभाव से बचाव होता है। मंगल पर होने से शत्रुओं से होने वाले खतरों से बचाता है। बुध पर होने से उद्विग्नता एवं चंचल वृत्ति से बचाता है।
द्वीप
हाथ में द्वीप का होना अधिक शुभ नहीं माना जाता है। द्वीप का सम्बन्ध जिस रेखा एवं क्षेत्र से होता है, उनमें अधिकतर बुराइयों से सम्बन्धित होता
उदाहरण के तौर पर जीवन रेखा पर होने से विरासत में मिली दुर्बलता या रोग का सूचक होता है। जब यह द्वीप सूर्य रेखा पर हो तो यह यश और प्रतिष्ठा की हानि का सूचक