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नक्षत्र (स्टार) बुध क्षेत्र पर नक्षत्र निशान होने पर व्यक्ति कुशाग्र (तीक्ष्ण) बुद्धि का होता है एवं समाजसेवी, परोपकारी, तथा व्यवसायी बनता है। मंगल क्षेत्र - मंगल क्षेत्र पर हो तो व्यक्ति शूरवीर, धैर्यवान एवं साहसी होता है तथा युद्ध में वीरता के कार्य से देशव्यापी सम्मान मिलता है। गुरु क्षेत्र -गुरु क्षेत्र पर होने से व्यक्ति को जीवन में शक्ति, अधिकार, पद, कीर्ति और धन की प्राप्ति होती है। उसकी समस्त कार्य क्षमतायें उन्नति की ओर अग्रसर होने लगती हैं, शीघ्र ही वह सम्मानीय पद प्राप्त कर लेता है एवं जीवन में अचानक धन की प्राप्ति भी होती है। शुक्र पर्वत - शुक्र पर्वत पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति काम भावनाओं के प्रति अग्रसर रहता है तथा प्रेम के क्षेत्र में सफल होता है एवं सुंदर स्त्री प्राप्त करता है। शनि क्षेत्र - शनि क्षेत्र में होने से व्यक्ति सही दिशा में चिन्तन करने वाला भाग्यवान होता है तथा प्रसिद्धि प्राप्ति होती है, परन्तु बुढ़ापे में आराम और सम्मान नहीं मिलता है। रवि क्षेत्र - रवि क्षेत्र पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति जीवन में पूर्ण ऐश्वर्य का भोग करता है एवं किसी भी प्रकार की कमी नहीं होती तथा मानसिक शान्ती बनी रहती है। चन्द्र क्षेत्र - चन्द्र क्षेत्र पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति उच्च स्तर का कलाकार होता है तथा काव्य के माध्यम से धन और यश प्राप्त करता है। राहु क्षेत्र - राहु क्षेत्र में होने से भाग्य हमेशा साथ देती है तथा अच्छी कीर्ति प्राप्त होती है। केतु क्षेत्र - केतु क्षेत्र पर नक्षत्र का चिह्न होने से व्यक्ति का बाल्यकाल सुखी होता है तथा धन की कमी नहीं होती है। आयु रेखा – पर यह निशान होना अशुभ माना गया है। विवाह रेखा पर स्टार होने से विवाह सम्बन्धी अनेक अड़चनें आती है तथा वैवाहिक जीवन
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