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________________ गाने से पूर्व की तैयारी नहीं करती । स्पष्ट है कि इस प्रकार के हाथ वाले पूर्ण रूप से सोच-विचार कर कार्य नहीं कर पाते। इस प्रकार के लोगों का सबसे बड़ा गुण और शक्ति तत्कालिकता होती है तथा उनकी सफलता का आधार भी यही होता है अगर ऐसा ही हाथ अधिक नुकीला होता है तो सबसे अधिक भाग्यहीन हाथ माना जाता है, जबकि देखने में इसकी आकृति सब प्रकार के हाथों से सुन्दर होती है। तथा परिश्रम करने में ऐसे लोग सर्वथा पीछे होते हैं तथा सपनों के संसार में विचरण करने वाले आदर्शवादी होते हैं एवं प्रत्येक वस्तुओं में सौंदर्य खोजते हैं और पाने पर सम्मान करते हैं। समय की पाबन्दी व्यवस्था अथवा अनुशासन का कोई महत्व नहीं देते तथा बड़ी आसानी से दूसरे के प्रभाव में आ जाते हैं। 1 इच्छा न होने पर भी परिस्थियों के अनुसार परिवर्तित होना पड़ता है। प्राकृतिक रंगों के प्रति आर्कषण होता है । यथार्थ और सत्य की खोज करने में असमर्थ होते हैं। संगीत तथा रस्मों से प्रभावित होते हैं। ऐसे सुन्दर और सुकुमार हाथों के स्वामी कभी-कभी स्वभाव से इतने भावुक होते हैं कि परिस्थितियों को देखकर सोचने लगते हैं कि उनका जीवन व्यर्थ है। इसका परिणाम यह होता है कि मनःस्थिति में विकृति आ जाती है और जीवन के प्रति उदासीन हो जाते हैं। ऐसे लोगों को निरर्थक न समझ कर उन्हे प्रोत्साहित करना चाहिए तथा उन्हे स्वयं को उपयोगी बनाने हेतु सहायता करनी चाहिए । 31
SR No.009372
Book TitleSaral Hastrekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year2001
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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