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प्रस्तुत हाथ में जीवन रेखा गुरु क्षेत्र से शुरु होकर अंत में कई शाखाओं में बंट गयी है, ऐसे व्यक्ति बचपन से महत्वाकांक्षी होते हैं, परन्तु इनकी मृत्यु जन्म स्थान से अन्यत्र होती है। शनि पर्वत से एक मोटी रेखा आकर आयु रेखा को काट रही है। इस कारण इन्हें 15 से 18 वर्ष की आयु में पशु द्वारा खतरे का सामना करना पड़ेगा। हृदय रेखा अत्यन्त मोटी और दीर्घ है जो कि भावनात्मक प्रवृत्ति उत्पन्न करने वाली है तथा मोटी होने के कारण इसको अच्छी हृदय रेखा की श्रेणी में कहा जा सकता है। सूर्य रेखा स्पष्ट है तथा मोटी है इसकी लम्बाई भी सामान्य है, यह हृदय रेखा से शुरु होने के कारण नाटक, कहानी, उपन्यास, काव्य आदि कार्यों से लाभ कमाते हैं। यह रेखा इन्हें प्रौढ़ावस्था में सफलता देती हैं ऐसे व्यक्ति के बचपन में कुछ सामाजिक परेशानियों का सामना होगा तथा उदासी और व्याकुलता सतायेगी। किन्तु बाद में यही समाज यश और सम्मान देगा। कभी-2 ऐसे लोगों को कला ही बला महसूस होती है। परन्तु इनको यश अवश्य मिलता है। शीर्ष रेखा जीवन रेखा से निकल कर विचित्र विन्दु पर अलग हो रही है। इस कारण इन्हें उस अवस्था में मस्तिष्क संबंधी परेशानियों का सामना होगा। शीर्ष रेखा में छोटे-छोटे द्वीप और रेखायें भी है, इस कारण इन्हें सिर से संबंधी पीड़ा का संकेत मिलता है। शीर्षरेखा चन्द्ररेखा की ओर जा रही है, जो गुप्त विद्या में रुचि उत्पन्न करेगी तथा कुछ ज्ञान भी प्राप्त होगा। भाग्य रेखा चन्द्र क्षेत्र से निकलकर शनि क्षेत्र में जा रही है। ये काफी समय तक समाज कार्यकर्ता तथा राजनीति क्षेत्र से लाभ कमायेंगे तथा इन्हें समाज सहायता प्रदान करेगा, भाग्य रेखा की एक शाखा गुरु क्षेत्र में जा रही है जो कि अति उत्तम योग है। यह व्यक्ति की महत्वाकांक्षा को सफल करती है यह रेखा प्रेम के क्षेत्र में भी सहयोग करने वाली रेखा है । भाग्य
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