________________
3.अ. अंगूठे के दूसरे पर्व के नीचे शुक्र पर्वत के आधार पर तारक चिह्न - स्त्री से दुःख । 3.ब. भाग्य रेखा से हृदय रेखा पर चढ़ी छोटी रेखायें प्रेम जिसका परिणाम विवाह न
3.स. हृदय रेखा पर द्वीप शुक्र पर्वत पर दोनों हाथों में रेखायें तथा अति विकसित निकृष्ट हृदय रेखा साथ में जंजीरदार मस्तिष्क रेखा। त्रिकोण का तीसरा कोण अधिक कोण के साथ अंगूठे का पहला पर्व दुर्बल, त्रिकोण के भीतर अर्द्धचन्द्र गंभीर रूप से झूठा प्रेम ।
4.अ. हृदय रेखा पर नीचे की ओर झुकी शाखायें प्रेमी जनों से अत्यधिक निराशा। अति विकसित शुक्र पर्वत साथ में हृदय रेखा जंजीरदार अथवा निकृष्ट छिछला या चंचल प्रेम। 4.ब. स्पष्ट, सीधी, बिना कटी रेखा शुक्र पर्वत की शाखा पुंज में उदित हृदय रेखा की एक शाखा बृहस्पति पर्वत को जाती हुई। 4.स. हृदय रेखा पर सफेद धब्बे -प्रेम विजय।
5.अ. दोनों हाथों में भाग्य रेखा पर द्वीप, साथ में हृदय रेखा पर भी द्वीप, प्रेम की कोई सीमा नहीं। शुक्र पर्वत के लगभग हृदय रेखा पर फैला द्वीप वैवाहिक व्यक्ति के प्रति प्रेम। 5.ब. स्वास्थ्यरेखा, बुधरेखा की गौणरेखा के रूप में प्रेम में आवेग। 5.स. विवाह रेखा की रचना द्वीपों में निकट सम्बन्धों के प्रति प्रेम।
145