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________________ बायें हाथ से लिखने व काम करने वाला है तो उस कागज पर लेफ्ट हैण्डेड लिखें । वैज्ञानिक दृष्टि से यह ज्यादा उचित होगा कि दोनों हाथों की छाप ली जाय ताकि उसका तुलनात्मक अध्ययन किया जा सके। हाथ के अंगूठे की छाप उसी कागज पर अलग से ली जाय। हाथ की अंगुलियों के बारे में तथा हथेली के बाल यव अंगुलियों के मध्य जगह आदि के बारे में पूर्ण विवरण लिख लें। अगर किसी विशेष कारण से आकस्मिक कहीं हाथ की छाप लेनी पड़े तो ऐसे में सामग्री उपलब्ध न हो तो लिपिषटक को हाथ पर लगाकार उसका इम्प्रेशन लिया जा सकता है। हाथ की छाप लेने के लिए विशेष प्रकार का कागज (वटरपेपर) बाजार में उपलब्ध होता है। हस्तरेखा देखने के गुण व अधिकार हस्तरेखा के भविष्यवक्ता को इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि विश्लेषण के अनुसार जो रेखा बोल रही है उसी के अनुसार उस व्यक्ति को बतलावें। जो आपके पास आया है हल्का सा दुःखी है, वह आपका मार्गदर्शन चाहता है उसे वकील और डाक्टर की तरह उसे तसल्ली से बिठाकर प्रश्न पूछा जाय । कुछ कहने से पहले यह ध्यान रहे कि उसे कोई बात मनगढन्त न कही जाय । घातक और गिरावट वाले बिन्दु बतलाकर उसे बोझिल न किया जाय मृत्यु, तलाक, दुर्घटना, आदि की भविष्यवाणी कभी नहीं करनी चाहिए। प्रारम्भ में यह भविष्यवाणी करना जटिल है तथा बाद में उचित नहीं है। हाथ में अनेक जटिलताएँ हैं उन्हें आसानी से अध्ययन करना हो तो अभ्यास की आवश्यकता होती है। जो विशेषज्ञ होते हैं वे पहले काफी दिनों तक साथियों, मित्रों, परिजनों से मिलकर संलग्न घटनाओं का अध्ययन करके उन रेखाओं के बारे में दक्षता हासिल करते हैं तथा हमेशा अपने ज्ञान की
SR No.009372
Book TitleSaral Hastrekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year2001
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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