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________________ 3. अ. मस्तिष्क रेखा से बहुत दूर तक दोनों रेखायें शाखा हीन - प्रेम हीन जीवन । 3. ब. हृदय रेखा पर सफेद धब्बे-प्रेम के मामले में असफलता । 3. स. मस्तिष्क रेखा, जीवन रेखा के साथ जाती हुई - घातक प्रेम । 4. अ. सीधे बृहस्पति क्षेत्र से आ रही हो और ह्रदय रेखा से मिल जाने वाली मस्तिष्क रेखा एक ही के प्रति प्रेम | 4. ब. शुक्र पर्वत से निकल रही रेखा मस्तिष्क, जीवन, हृदय तथा विवाह रेखायें काटती हुई - विवाह सम्बन्धी कष्ट । 4. स. भाग्य रेखा, हृदय रेखा को काटते समय जंजीरदार प्रेम कष्ट । 5. अ. शुक्र पर्वत तथा हृदय रेखा के मध्य में शाखापुंज - तलाक । 5. ब. सूर्य रेखा, विवाह रेखा द्वारा कटी हुई - अनुपयुक्त विवाह के कारण सामाजिक स्थिति की अनिष्ठा । 5.स. विवाह रेखा टूटी हुई - सम्बन्ध विच्छेद अथवा तलाक । 139
SR No.009372
Book TitleSaral Hastrekha Shastra
Original Sutra AuthorN/A
AuthorRameshwardas Mishr, Arunkumar Bansal
PublisherAkhil Bhartiya Jyotish Samstha Sangh
Publication Year2001
Total Pages193
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size2 MB
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