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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
बन्द हो जाएगा। (2) रक्तस्त्राव बंध का मंत्र- ॐ मातंग राजाय चिलि चिलि मिलि मितक्ली अमुकस्य
रक्तं स्तंभय स्तंभय स्वाहा। विधि-सफेद रंग के डोरे को इस मंत्र से २१ बार मंत्रित करके फिर उस डोरे को बांधे तो
स्त्रियों का रक्तस्राव बंध होता है। (3) रक्तस्राव रुक जाता मंत्र- ॐ तद्यथा गर्भधर धारिणी गर्भरक्षिणि आकाश मात्रिकै
हूँ फट् स्वाहा। विधि-इस मंत्र से लाल डोरे को २१ बार मंत्रित करके स्त्री के कमर में बांधने से रक्तस्राव
रुक जाता है। (4) ॐ नमो लोहित पिंगलाय: मातंग राजानो स्त्रीणां रक्तं स्तंभय स्तंभय ॐ तद्यथा हुँ
सुरलघु सुरलघु तिलि तिलि मिलि मिलि स्वाहा। विधि-इस मंत्र से लाल डोरे को २१ बार मंत्रित करके ७ गांठ लगाकर स्त्रियों के बाएं पांव
के अंगूठे में बांधने से रक्तस्राव रुक जाता है। (5) रक्तस्त्राव रुक जाता- ॐ रक्ते रक्ते वस्त्रे पु फु रक्ते वाक्ते स्वाहा। विधि- अनेन कसुंभ रक्त सूत्रेण अन्ह? दवरकं वटित्वा अद्या घाड़ा मूले बंधित्वा वार ७
अभिमंत्रेत रक्तवाहकं नश्यति। (6) रक्त स्राव नष्ट मंत्र : ॐ रक्ते रक्तवती हूँ फट् स्वाहा। विधि : लाल पुष्प पर २१ बार मंत्रित कर स्त्री के कंठ में बांधे तो रक्तस्राव नष्ट होये।
(114) स्तन पीड़ा नाशक मंत्र (1) स्तन पीड़ा नाशक मंत्र- ॐ सप्त पातालु सप्त पाताल प्रभाण छइ वालु ॐ चालिते वालु जउ लगि राम लक्ष्मण के वाण्उ छीनि घातिया हिलउ। विधि-मंत्र से जंगली कंडे की राख और अक्षत मंत्रित कर लगाने से स्तन की पीड़ा ठीक
होती है। (2) स्तन में दूध बढ़े- ॐ ब्लीं-२ सा दुग्ध वृद्धि कुरु-२ स्वाहा। विधि- चावल की खीर मंत्रित कर खिलावें तो दुग्ध स्तनों में बढ़े।
(115) चोरी गई वस्तु मिले (1) चोरी गई वस्तु मिले- ॐ नमो गंधारि (रयै) नमः श्रीं क्लीं ऐं ब्लूं हूँ स्वाहा। फल- इस मंत्र के प्रभाव से चोरी गई वस्तु मिलती है। (2) चोर चोरी नहीं कर पाते- ॐ हीं श्रीं हंसः हौं हाँ हाँ द्रां द्री द्रौं दः मोहिनी सर्वजन
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