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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
(16) सर्प को घड़े में डालने का मंत्र- ॐ ल ल ल ल ला ला कुरु स्वाहा। विधि- इस मंत्र का जाप करने मात्र से सर्प घड़े में प्रविष्ट हो जायेगा। ( 17 ) सामने आते सर्प को रोकने का मंत्र- ॐ पू सर्प कुलाय स्वाहा अशेष कुल सर्प
कुलाय स्वाहा। विधि- इस मंत्र का १०००० जाप करके पहले सिद्ध कर लें। फिर जब आवश्यकता हो,
सात बार बोलकर मिट्टी को अभिमंत्रित कर सर्प के सामने फेंके तो वह दूर भाग
जायेगा। ( 18 ) सर्प नहीं काटे मंत्र- ॐ ह्रीं गरुण ह्रीं हंस सर्व सर्प जातीनां मुख बंधं कुरु कुरु
स्वाहा। विधि- मंत्र को ७ बार स्मरण करने से १ वर्ष तक साँप नहीं काट सकता है। (19) ॐ ह्रीं अष्ट महानाग कुल विष शान्ति कारिणि (ण्यै) नमः स्वाहा। विधि- काला नाग पकड़े तो काटे नहीं। मंत्रित कंकड़ फेंके तो वह कीलित हो जाता है।
उसका विष असर नहीं करता। ( 20 ) सर्पोच्चाटन मंत्र- ॐ चिली चिली स्वाहा।
(86) बिच्छ्र का जहर नष्ट मंत्र (1) बिच्छू का जहर नष्ट मंत्र- ॐ अट्ठ गंट्ठि नव फोड़ि ३ तालि बीछतु ऊपरि मोरू
उडिरे जावन गरूड भक्खइ। विधि-मंत्र को ७ बार पढ़कर हाथ फेरने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। (2) ॐ सवरि स्वाहा। विधि-इस मंत्र को जपने से बिच्छू का जहर नहीं चढ़ता है। (3) ॐ भूधर भूधर स्वाहा। विधि-मंत्र पढ़ता जावे और नीम की डाली से झाड़ दें तो बिच्छू का जहर नष्ट हो जावे। (4) ॐ चंडे फुः। विधि-२१ बार पढ़कर फूंक देने से बिच्छू का जहर उतर जाता है। (5) ॐ इवी श्री प्रदक्षिणे स्वाहा। विधि- इस मंत्र से भी बिच्छू का जहर उतरता है। (6) बिच्छु विषहरण मंत्र- ॐ नमो भगवते पार्श्वनाथाय धरणेन्द्र पद्मावती सहिताय
अष्टादश वृश्चिकाणं विषं हर-हर आं यूँ ह्रां स्वाहा। विधि- इस मंत्र को पढ़ते जायें और बिच्छू काटे हुए स्थान पर झाड़ा देते जायें तो बिच्छु का
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