________________
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
अनामिका उंगली के रक्त से भोजपत्र पर मंत्र लिखकर शहद में रख देने से भी दूर बैठे व्यक्ति का आकर्षण होता है।
(7) आकर्षण मंत्र
मंत्र अधिकार
—
ॐ समोहनी महाविद्ये जंभृय जंभृय मोहय आकर्षण पातय महा ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं श्रेयांसनाथाय नमः ।
समोहनी ठः ठः ठः । अथवा
विधि : प्रतिदिन 108 बार जाप करने से लोग आकर्षित होते हैं ।
( 59 ) मोहन मंत्र
(1 ) मोहिनी विद्या मंत्र ॐ नमो भगवती कराली महाकराली ॐ महा मोह संमोहनीयं
महाविद्ये जंभय जंभय स्तंभय मोहय मोहय मुच्चय मुच्चय क्लेदय क्लेदय आकर्षय आकर्षय पातय पातय कुनरे संमोहिनी ऐं द्रीं त्रीं ट्रों आगच्छ कराली स्वाहा ।
विधि - इस मंत्र का १२ हजार जाप करने से ये मंत्र सिद्ध हो जाता है, ये मोहिनी विद्या
है।
( 2 ) मोहन मंत्र - ॐ ह्रीं कालिं कपालिनी घोरनादिनी विश्वं विमोहय जगन्मोहय सर्वं मोहय मोहय ठः ठः ठः स्वाहा ।
विधि-मोहन मंत्र को सर्वप्रथम विधिपूर्वक पूजादि कर एक लाख जाप करके सिद्ध कर लें फिर घुंघची श्वेत रस में ब्रह्मदंडी की जड़ को जल में घिसकर अभिमंत्रित करके शरीर पर लेप करने से सारा जगत उस मनुष्य के वशीभूत हो जाता है।
(3) राजा मोहिनी व शत्रु निवारक मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं श्री पार्श्वनाथाय धरणेन्द्र पद्मावती सहिताय चिन्त चिन्तामणि राजाप्रजा मोहिनी सर्व शत्रु निवारणी कुरु कुरु स्वाहा ।
विधि - इस मंत्र की १०८ बार जाप करना चाहिए ।
(4) प्रतिकारक मंत्र - ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं कलिकुण्ड स्वामिन् सिद्ध जगत वश्यं
आनय - आनय नमः ।
विधि - इस मंत्र की प्रातः काल स्नान कर पवित्र श्रद्धा से १०८ बार प्रतिदिन जाप करना चाहिए।
( 60 ) स्तम्भक मंत्र
(1 ) स्तम्भन मन्त्र : ॐ ह्रां अर्हद्भ्यः ठः ठः, ऊँ ह्रीं सिद्धेभ्यः ठः ठः, ॐ हूं आचार्येभ्यः ठः ठः, ऊँ हौं पाठकेभ्यः ठः ठः, ऊँ ह्रः सर्वसाधुभ्यः ठः ठः ।
विधि : कार्यसिद्धि तक प्रतिदिन १०८ बार जपें ।
(2) प्रतिवादी शक्ति स्तम्भक मंत्र : ॐ ह्रीं अर्हं णमो पत्तेय बुद्धाणं प्रतिवादी विद्या विनाशनं भवतु ।
155