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मंत्र यंत्र और तंत्र
मंत्र अधिकार
मुनि प्रार्थना सागर
( 50 ) उनमत्त करने का मंत्र
(1 ) उनमत्त करने का मंत्र - ॐ नमो काला भेरू कल वा वीर में तोहि भेजु समदा तीर अंग चटपटी मांथै तैल काला भैरू किया खेल कलवा किलकिला भैरूं गजगजाधर में रहे न काम सवारे रात्रि दिन रोव तो फिरै तो जती मसान जहारै लोह का कोट समुद्र सी खांई रात्रि दिन रौवता न फिरै तो जती हणमंत की दुहाई सवदशा चांपिडका चा फुरो मंत्र ईश्वरो वला ।
विधि - श्मशान की भस्म को ७ बार इस मंत्र से मंत्रित करके जिसके ऊपर डाल दिया जाय वह उन्मत्त होकर फिरे, याने पागल हो जाये, घूमता फिरे । ( 51 ) दुर्जन वशीकरण मंत्र
(1) दुर्जन वशीकरण मंत्र - ॐ नमो भगवते अप्रतिचक्रे ऐं क्लीं ब्लूं ॐ ह्रीं मनोवांछित सिद्धयै नमो नमः अप्रतिचक्रे ह्रीं ठः ठः स्वाहा ।
विधि - मंत्रित जल के छींटे मुंह पर देने से दुर्जन पुरुष वश में हो जाया करते हैं और उनकी जबान वश में हो जाती है।
(2) शत्रु वश एवं विजय प्राप्त मंत्र - ॐ नमो ह्रां ह्रीं हूँ ह्रौं ह्रः श्रां श्रीं ह्रीं फट् स्वाहा । विधि - १०८ बार जपने से शत्रु वश में होते हैं विजय लक्ष्मी प्राप्त होती है और शस्त्रादि के घाव शरीर में नहीं हो पाते ।
( 3 ) दुष्टजन का वशी मंत्र - ॐ हूँ मम सर्व दुष्टजनं वशी कुरु कुरु स्वाहा । विधि - शान्त चित्त से २१ बार स्मरण करने से दुश्मन वश में हो जाता है।
(4) सर्व वशी मंत्र - ॐ ऐं क्लीं ह्रः सौः रक्त पद्मावती नमः सर्व मम वशीकुरु कुरु स्वाहा ॐ अलू मलू ललू नगर लोकराजा सर्व मम वशी कुरु कुरु स्वाहा ।
( 5 ) दुष्ट वश में हो जाता है - ॐ अरहंत सिद्ध सहयोगि केवली स्वाहा । ॐ आइच् सोम मंगल बुद्ध गुरु सुक्को शनि छरो राहू केतू सव्वे विगहा हरंतु मम विग्यरोग चयं ॐ ह्रीं अछुप्तं मम श्रियं कुरु कुरु स्वाहा आहिय सराहिया हः म्हः यः यों हु वः
ऊहः ।
विधि - इस मंत्र से धूली को ५ बार मंत्रित करके दुष्ट के सामने डालने से दुष्ट शांत ( उपशय ) हो जाता है
( 52 ) वशीकरण मंत्र
(1) वशीकरण - नमस्कार
मंत्र - ॐ ह्रीं णमो अरहंताणं, ॐ ह्रीं णमो सिद्धाणं, ॐ ह्रीं णमो आइरियाणं, ॐ ह्रीं णमो उवज्झायाणं, ॐ ह्रीं णमो लोए सव्व साहूणं, ॐ ह्रीं णमो णाणस्स, ॐ ह्रीं णमो दंसणस्स, अमुकं मम वश्यं कुरु कुरु स्वाहा ।
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