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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि - निरन्तर १०८ बार विधिपूर्वक जपने से लक्ष्मी प्राप्ति, सर्वकार्य सिद्धि होय । २१ बार या १०८ बार जपके जिस वस्तु पर हाथ रखें वह अक्षय होय ।
(7) वस्तु अक्षय होय मंत्र - ॐ नमो गोमय स्वामी भगवउ ऋद्धि समो अक्खीण समो आण आण भरि भरि पुरि पुरि कुरु कुरु ठः ठः ठः स्वाहा ।
विधि - प्रातः काल जपें तो लक्ष्मी प्राप्त होय, २१-१०८ सुपारी, चावल, जिस वस्तु पर डाल दें वह अक्षय होय ।
( 8 ) वस्तु अक्षय होय मंत्र : ॐ णमो गोमय स्वामी भगवऊ ऋद्धि समो, वृद्धि समो, अक्षीण समो, आण आण भरि भरि पुरि पुरि कुरु कुरु ठः ठः स्वाहा । विधि : प्रतिदिन शुद्ध होकर प्रातः काल १०८ दिन तक जपें, फिर २१ सुपारी, चावल मंत्रित कर जिस वस्तु में रखें वह अक्षय होय । मंत्र दीप- धूप पूर्वक जपें । 43 ) लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र
(1) अपार लक्ष्मी प्राप्ति मन्त्र : ॐ ह्रीं अक्षीणमहानस ऋद्धि प्राप्तेभ्यो नमः । विधि : इस मंत्र का लाल पुष्पों से सवा लाख जाप करने पर अपार लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
( 2 ) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र: ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः । ॐ नमो भगवऊ गोमयस्य, सिद्धस्स बुद्धस्य अक्षीणस्स भास्वरी ह्रीं नमः स्वाहा ।
विधि : नित्य प्रातः काल शुद्ध होकर दीप धूप पूर्वक जाप करें तो लाभ होय, लक्ष्मी प्राप्ति होय ।
( 3 ) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र : ॐ ह्रीं हूँ णमो अरहंताणं हूँ नमः ।
विधि : प्रतिदिन १०८ बार पढ़ें ।
( 4 ) अभ्युदय कारक मंत्र : ॐ ह्रीं श्रीं ईं ऐं अर्हं - अर्हं क्लीं प्लूं प्लूं नमः ।
विधि : प्रतिदिन १०८ बार जप से वैभव प्राप्त होता है ।
( 5 ) लक्ष्मी प्राप्ति मंत्र - ॐ नमो भगवती गुणवती महामानसी स्वाहा ।
विधि- ७ कंकरियाँ २१ बार मंत्रित कर चारों दिशाओं में फेंकने से व्याधि शत्रु आदि का भय नहीं रहता एवं लक्ष्मी की प्राप्ति होती है ।
( 6 ) लक्ष्मी लाभ मंत्र - ॐनमो अरिहंताणं ॐ नमो भगवइ महाविज्जाए सत्तट्ठाए मोर हुलु हुलु चुलुचुलु मयुर वाहिनीए स्वाहा ।
विधि - पौष कृ. १० को निराहार रहकर १००८ जाप करें फिर परदेस गमन के व्यापार के समय ७ बार स्मरण से लक्ष्मी व अन्न का लाभ होता है ।
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