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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर जो अमृत रसायन दे, जिससे हजार वर्ष तक जीवित रहने की शक्ति प्राप्त हो । नोट :- इस कल्प में हमनें २४ यक्षिणियों की विधि विधान में से मात्र १३ को दिया है शेष को अनुचित समझकर नहीं दिया । (42) सामान की बिक्री का मंत्र (1) सामान की बिक्री का मंत्र - ॐ नमो अरहंताणं नमो सिद्धाणं नमो अनंत जिणाणं सिद्धयोग धाराणं सव्वेसिं विज्जाहर पूत्ताणं कयंजली इमं विज्जारायं पउंजामि इमामे विज्जाय सिष्यउ आर कालि बाल कालि पुंस खररेउ आवतवो चडि स्वाहा । विधि- पृथ्वी पर से सात कंकर लेकर इस मंत्र से २१ बार या १०८ बार मंत्रित कर बिकने वाली दुकान की चीजों पर डाल देने से शीघ्र ही उस सामान की बिक्री हो जाती है। (2) वस्तु - विक्रय मंत्र- नट्ठट्ठ मयट्ठाणे, पणट्ठ कमट्ठ नट्ठ संसार । परमट्ठ निट्ठियट्ठे, अट्ठेगुणा धीसरं वंदे ॥ विधि - इस मंत्र की साधना कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी के दिन संध्या बीत जाने के पश्चात् एक पहर रात रह जाने पर प्रारंभ करें । जाप करते वक्त धूप, दीप रखें व गूगल का हवन करें। प्रतिदिन दो हजार जाप करें । ११००० जाप होने पर मंत्र सिद्ध हो जाता है। मंत्र सिद्ध होने के बाद अभिमंत्रित कर फिर बाजार में बिक्री के लिए निकलें तो मुँह माँगे दाम आएं तथा तुरन्त बिक्री हो । (3) वस्तुशीघ्र बिके मंत्र : आक्खालि वालिका लिंप सुखरे ऊँ आवत वो चडि स्वाहा । विधि : सात कंकर लेकर मंत्रित कर बिकने वाली वस्तु में डाल दें तो वस्तु अतिशीघ्र बिक जाती है । (4) क्रय-विक्रय में लाभ का मंत्र - ॐ नमो भगवउ गोयमस्स सिद्धस्स बुद्धस्स अक्खीण महाणसस्स अवतर अवतर स्वाहा । विधि - इस मंत्र से ५०० बार अक्षत (चावल) को मंत्रित करके बिकने वाली चीजों पर डालने से विक्रय शक्ति बढती है और क्रय-विक्रय में लाभ होता है । (5) माल क्रय में लाभ होवे - ॐ ह्रीं श्रीं धन धान्य करि महाविधे अवतर अवतर मम गृहे धन धान्य कुरु कुरु स्वाहा । विधि - ५०० बार अक्षताभिमंत्र्य क्रयाण के क्षिप्यते क्रयो लाभश्य भवति । ( 6 ) वस्तु अक्षय होय मंत्र - ॐ नमो आदि योगिनी परम माया महादेवी शत्रु टालिनी, दैत्य मारिनी मनवांछित पूरणी, धन आन वृद्धि आन जस सौभाग्य, आन आनै तो आदि भैरवी तेरी आज्ञा न फुरै । गुरु की शक्ति मेरी भक्ति फुरो ईश्वरो मंत्र वाचा। 135
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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