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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- प्रतिदिन प्रातःकाल १०८ बार जपें।
(41) यक्षिणी विद्या (1) आकाशगामिनी मंत्र (सुलोचन यक्षिणी विद्या)- ॐ लैं लैं सुलोचने सिद्धं
देहि देहि स्वाहा। विधि- पर्वत पर या नदी के किनारे तीन लाख जाप करें। घृत से दशांश हवन करें तो
सुलोचनानामक यक्षिणी सिद्ध हो, जो आकाशगामिनी दो पादुकाएँ भेंट करे
जिससे जहाँ चाहे जा सकें। (2) अदृश्य होने का मंत्र (मदना यक्षिणी विद्या)- ऐं मदने मदनबिटंबनी
(मदनबिन्टबिनी) आत्मीय मम देहि देहि श्रीं स्वाहा। विधि- राजद्वार पर एक लाख जाप करें तथा जातिपष्प व दध से दशांश हवन करें तो मदना
नामक यक्षिणी सिद्ध होय, जो एक गुटिका भेंट करे जिसे मुंह में रखने से अदृश्य
हो जाने की शक्ति प्राप्त होती है। (3) विद्याधर बनने का मंत्र ( मानिनी यक्षिणी विद्या)- ऐं मानिनी ह्रीं ऐहि ऐहि
सुंदरी हस हस समीह मे सगमकं स्वाहा। विधि- जहां चौपाये जानवर रहें, वहां बैठकर १२५००० जाप करें व लाल फूल व तीन
वस्तुओं से दशांश होम करें तो मानिनी नामक यक्षिणी सिद्ध होय, जो साधक के पास स्त्री रूप में आकर उससे संभोग करे और उसके बाद एक तलवार भेंट दे
जिससे वह विद्याधर बनने की शक्ति प्राप्त करे। (4) पृथ्वी के अन्दर की वस्तुएँ दिखें मंत्र (हंसिनी यक्षिणी विद्या) - हंसिनी
हंसयाने (हंसयनि) क्लीं स्वाहा। विधि- नगर द्वार पर एक लाख जाप करें व कमल पत्र से दशांश हवन करें तो हंसिनी
नामक यक्षिणी सिद्ध हो, जो साधक को अंजन भेंट करे, जिससे पृथ्वी के अन्दर
की वस्तुएं देखी जा सकें। (5) पृथ्वी में गड़े खजाने दिखें (शतपत्रिका यक्षिणी विद्या) - शतपत्रिके ह्रां ह्रीं
ध्वीं स्वाहा। विधि- वट वृक्ष के नीचे एक लाख जाप करें व घृत से दशांश हवन करें तो शत पत्रिका
नामक यक्षिणी सिद्ध होय जो पृथ्वी में गड़े खजाने को बताये। (6) प्रतिदिन ५०० रुपये मिलें मंत्र ( मोहन यक्षिणी विद्या) - हूं मम मेखले ग ग
ह्रीं स्वाहा। विधि- पलाश वृक्ष के नीचे १४ दिन तक जाप करें तो मेखल नामक यक्षिणी सिद्ध होय
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