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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर विधि - शुभ मुहूर्त में साधना प्रारंभ करें, शुद्ध वस्त्र पहने, स्फटिक या सूत की माला से जाप शुरु करें । २७ दिन तक सुबह, दोपहर व रात को - तीनों समय प्रत्येक पद की ९ माला फेरें। पहले दो पदों की पूर्व की ओर मुँह करके - प्रत्येक पद की नौ-नौ माला फेरें । तीसरे पद की उत्तर की ओर मुँह करके नौ माला फेरें, चौथे पद की पश्चिम की ओर मुँह करके नौ माला फेरें और पाँचवे पद की दक्षिण की ओर मुँह करके नौ माला फेरें । सत्ताईस दिनों में जाप पूर्ण होगा। यह अत्यन्त ही प्रभावशाली मंत्र है। जाप के दिनों में चामत्कारिक घटनाएँ हो सकती हैं। (10) कल्याणकारी मंगलकारी नवकार मंत्र - ॐ ह्रीं असि आ उ सा नमः । विधि- यह सर्वसिद्धि मंत्र है। इसका १२५००० जाप होने से मंत्र सिद्धि होती है। सर्व प्रकार की सम्पत्ति व सिद्धि मिलती है । महाकल्याणकारी मंत्र है। ( 11 ) त्रिभुवन सार मंत्र - ॐ क्षम्यूँ जम्र्व्यू भर्व्यू म्म्र्व्यू ह्मर्व्यू फ्र्व्यू आं क्रीं ह्रीं क्लीं ब्लूं द्रां द्रीं संवौषट् । विधि - यह मंत्र दश सहस्र जप और दशांश होम से सिद्ध हो जाता है। यह तीन लोक में सार मंत्र गुरु की कृपा से जानना चाहिए । ( 12 ) त्रेलोक्य मण्डल विधान जाप - ॐ ह्रीं श्रीं अर्हं अनाहत विद्याधिपाय त्रैलोक्यनाथाय नमः सर्व शांतिं कुरु कुरु स्वाहा । विधि-विधान के समय 51 हजार जाप करना चाहिए । ( 13 ) सुख शान्ति हेतु प्रतिदिन के लिए जाप रविवार - ॐ ह्रीं श्री पार्श्वनाथ जिनेन्द्राय नमः । सोमवर - ॐ ह्रीं श्री चन्द्रप्रभु जिनेन्द्राय नमः । मंगलवार - ॐ ह्रीं श्री वासुपूज्य जिनेन्द्राय नमः । बुधवार - ॐ ह्रीं श्री शान्तिनाथ जिनेन्द्राय नमः । गुरुवार - ॐ ह्रीं श्री वृषभनाथ जिनेन्द्राय नमः । शुक्रवार - ॐ ह्रीं श्री पुष्पदन्त जिनेन्द्राय नमः । शनिवार - ॐ ह्रीं श्री मुनिसुव्रतनाथ जिनेन्द्राय नमः । विधि - इन मंत्रों में से वार (दिन ) के अनुसार प्रतिदिन १०८ बार जाप करना चाहिए । (14) मात्रका मंत्र - ॐ नमोऽर्हं अ आ इ ई उ ऊ ऋ ऋ लृ लृ ए ऐ ओ औ अं अः क ख ग घ ङ, च छ ज झ ञ ट ठ ड ढ ण त थ द ध न प फ ब भ म य र ल व श ष स ह ह्रीं क्लीं क्रौं स्वाहा । विधि - मंत्राराधना १०८ बार जाप करें। 131
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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