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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि : मंत्र को पूर्ण विधि-विधान से सवा लाख जपें तो पंचागुली देवी सिद्ध होये, सर्वकार्य की सिद्धि होये।
(35) नवरात्रि, दीवाली,शरद पूर्णिमा ,सर्वकार्य सिद्धि मंत्र (1) नवरात्रि, सर्वकार्य सिद्धि मंत्र : "ऊँ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं ह्र: ऐं नमः स्वाहा।"
विधि : नवरात्रि में ब्रह्मचर्यव्रत पूर्वक, दिन में एक बार भोजन कर, पवित्र मन से एकान्त में अखण्ड दीप, धूप पूर्वक साढ़े बारह हजार जप करने से मंत्र सिद्ध होता है। फिर नित्य एक माला अवश्य जपें, इससे आनंद से दिन निकलता है। २१ बार जपकर व्याख्यान दें तो श्रोता मोहित होय। २१ बार जपकर वाद-विवाद करें तो जय होय। कोर्ट में मजिस्ट्रेट के सामने २१ बार जपकर बोलें तो मुकदमें में विजय होय। जलाशय के किनारे बैठकर एक माला जपकर गांव में जायें तो व्यापार लाभ होय, सर्वकार्य सिद्ध हों। शत्रु पराजय होय, २१ बार जपने से सिरदर्द दूर होय। २१ बार मंत्रित कर पानी पिलाने से पेट दर्द दूर होय। बिच्छू का जहर उतरे। मार्ग में चलते समय जपें तो सर्वभय नष्ट होय। (2) नवरात्रि सर्व मनोरथ पूर्ण मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लूं ऐं नमः। विधि- यह सर्व कार्य सिद्धि मंत्र हैं, इसे नवरात्रि में साढ़े बारह हजार जाप करके सिद्ध करें
व प्रयोग के समय मात्र “२१" बार स्मरण करें सब कार्य की सिद्धि होगी। (3) दीवाली मनोवांछित कार्य मंत्र : १. ऊँ नमो भगवते श्री पार्श्वनाथाय ह्रीं धरणेन्द्र
पद्मावती सहिताय अढे मुठे क्षुद्र विघठे क्षुद्रान् स्थम्भय स्थम्भय दुष्टान् चूरय
चूरय मनोवांछितं पूरय पूरय स्वाहाः। विधि : दीवाली के दिन १००० जप करें, पीछे एक माला नित्य फेरें तो मनोवांछित कार्य हों। (4) दीवाली मनोवांछित कार्य मंत्र : - ऊँ नमो पद्मावती मुख कमल वासिनी गोरी
गांधारी स्त्री पुरुष मन क्षोभिनी, त्रिलोक मोहनी स्वाहा। विधि : दीपावली के दिन १ माला जप करें, सर्व कार्य सिद्ध होय। (5) लक्ष्मी प्राप्ति का अद्भुत मंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं ब्लू ठें ॐ घंटाकर्ण महावीर
लक्ष्मी पूरय-पूरय सुख सौभाग्यं कुरु-कुरु स्वाहा। विधि- दीवाली की धनतेरस को इस मंत्र की ४० माला, चतुर्दशी को ४२ माला और
अमावस्या को ४३ माला लाल वस्त्र पहन कर लाल आसन पर बैठकर, पूर्व या उत्तर दिशा की ओर मुख करके इस मंत्र की जाप करें। जाप के स्थान में मंगल कलश विराजमान करें एवं तीर्थंकर की फोटो के सामने दीपक जलायें और धूप खेते
जायें। तीनों दिन पूर्ण संयम रखें तो इस मंत्र के प्रभाव से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है। (6) दरिद्रता नाश के लिए- “ॐ ह्रीं दारिद्रय विनाशने अष्टलक्ष्मयै ह्रीं नमः"
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