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________________ मंत्र अधिकार मंत्र यंत्र और तंत्र मुनि प्रार्थना सागर समान मात्रा में लेकर प्रतिदिन प्रातः 2 ग्राम, दूध के साथ लेकर ' मंत्र की जाप करें तो नियम से अति प्रखर बुद्धि होगी। ( 14 ) पढ़े तो पंडित होय मंत्र- ॐ णमो सयंबुद्धाणं । विधि- १०८ बार जाप से पंडित होवे। (15) विवेक प्राप्ति मंत्र : ॐ ह्रीं अहँ णमो कोट्ठबुद्धीणं बीजबुद्धीणं ममात्मनि विवेक ज्ञानं भवतु। (16) वाणी सिद्धि मंत्र- ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं वाग्वादिनि सरस्वति मम जिह्वाग्रे वद-वद ॐ ऐं ह्रीं श्रीं क्लीं नमः (स्वाहा)। विधि- आषाढ में जब उत्तराषाढा नक्षत्र हो, तब १०८ बार दिन में जप लें और रात्रि को ग्यारह बजे से बारह के बीच में जब कभी भी इस मंत्र को २१ बार जपकर लाल चंदन से जीभ पर "ह्रीं" मंत्र लिखें तो वाणी सिद्धि होवे। (17) वाक् सिद्धि मंत्र- ॐ ह्रीं ऐं ह्रीं ऊँ सरस्वतीयै नमः। विधि- पूर्व की ओर मुँह करके सफेद माला, आसन, वस्त्र का प्रयोग करके बसंत पंचमी, गुरुवार, शु.,रविपुष्य नक्षत्र में जिह्वा पर मालकांगनी के तेल से अनामिका ऊंगली से 'ह्रीं' लिखकर ११००० जाप करें, तो भूत-भविष्य और वर्तमान को जानें। यदि १-२ -५ तिथि को ११ माला करें तो वाणी दोष दूर होय व वाक् सिद्धि होय। (18) वाक्-सिद्धि मंत्र- ॐ नमो लिंगोद्भव रुद्र देहि मे वाचा सिद्धिं बिना पर्वत गते द्रां द्रीं द्रं तें द्रौं द्रः। विधि- मस्तक पर बायां हाथ रखकर एक लाख जाप करें तो वचन-सिद्धि हो। (19) विद्वान बनने का मंत्र- ॐ णमो सयं बुद्धाणं झौं झौं स्वाहा। विधि- १०८ दिन तक इस मंत्र की १-१ माला जपें लेकिन मंत्र जपते समय माला सफेद लें व पूर्व दिशा की ओर मुख करके जाप करें। ( 20 ) निमित्त ज्ञान प्राप्ति मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं अप्पडिहय वर णाण-दसणधराणं विउहकृलमाणं (?) ऐं स्वाहा। विधि- इस मंत्र के निरन्तर जाप से भूत-वर्तमान-भविष्य का ज्ञान, स्वप्न, शकुन तथा निमित्त ज्ञान का बोध हो जाता है। ( 21 ) कवि बनने का मंत्र- ॐ ऐं हं ऐं हं वद वद स्वाहा। विधि- इस मंत्र का १०००० जाप कर लेने से मनुष्य कवि बनने की शक्ति प्राप्त कर लेता है। (२२) रोजगार या नौकरी मिले मंत्र (1) रोजगार मिले चाहे व्यापार या नौकरी-ॐ ह्रीं श्रीं श्रीं धन करी धान्य करी मम | 112
SR No.009369
Book TitleMantra Adhikar
Original Sutra AuthorN/A
AuthorPrarthanasagar
PublisherPrarthanasagar Foundation
Publication Year2011
Total Pages165
LanguageHindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size1 MB
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