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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
विधि- इस मंत्र का १ लाख जाप करें।
(18) वेदी में भगवान विराजमान करने का श्लोक व मंत्र
निर्मितं वीतरागस्य, रत्नपाषाणधातुभिः ।
निराकारं च सिद्धानां, बिम्ब संस्थापये मुदा।। (1) ऊँ नमोऽर्हते केवलिने परमयोगिनेऽनन्तशुद्धपरिणामपरिस्फुरच्छुक्लध्यानाग्निनिर्दग्धकर्मबीजाय प्राप्तानंतचतुष्टयाय सौम्याय शान्ताय मंगलाय वरदाय
अष्टादशदोषरहिताय स्वाहा ।
(19) माला शुद्धि मन्त्र (1) ॐ ह्रीं रत्नैः स्वर्णैः सूत्रर्बीजै रचिता जपमालिका सर्वजपेषु सर्वाणि वाञ्छितानि
प्रयच्छन्तु। विधि- प्रासुक जल से धोकर उक्त मंत्र को पढ़कर ७ बार पुष्प क्षेपण करें।
___ (20) अशुभ मुहूर्त भी शुभ हों (१) ॐ ह्रीं अहँ शासन देवते सिद्धायके सत्यं दर्शय-२ कथय-२ स्वाहा। विधि-परदेश जाते समय इस मंत्र को सात पाँव चलकर सात बार स्मरण करें तो मुहूर्त्तवार
शकुन अच्छे न होने पर भी सर्व कार्य सफल होते हैं। अशुभ मुहूर्त भी इस मंत्र के
प्रभाव से शुभ होते जाते हैं। (२) ॐ भगवती भिराड़ी भाटप्तु कुरु कुट कुट उतिणि भगवति भिराड़ी की ६ मास
सेवा की धी भगवति भिराड़ी तूसि करि वरु दी हुउ जुकणु जलवटि थल वटि
अम्हरउं नामुले सड़ तसुकु सवणु फेडि ससवणु होसइ। विधि-इस मंत्र को घर से जाते समय ३ बार स्मरण करें तो अपशकुन भी शकुन हो जाते हैं।
(21) बुद्धि-वृद्धि-मंत्र (1) बुद्धि-वृद्धि-अर्ह मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं वद वद वाग्वादिनी स्वाहा। विधि- इस मंत्र से मालकांगनी के तेल को अभिमंत्रित कर छह माह तक प्रतिदिन बताशे
के ऊपर दस बूंद डालकर खाएं। ऊपर से दूध-खीर का भोजन करें। पानी अल्प लें।
इससे बुद्धि-वृद्धि होती है। (2) बुद्धिमान होय मंत्र- ॐ नमो भगवते ऋषभाय जैनमति मनोमति रोदन मति स्वाहा। विधि- इस मंत्र से सात वच, मंत्रित करके खावें तो बुद्धिमान व निरोगी होता है। (3) महान बुद्धिमान होने का मंत्र- ॐ अरवचन धीं स्वाहा। विधि- तीनों संध्याओं में १०८ बार स्मरण करने से महान बुद्धिमान हो जाता है।
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