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मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
३४. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति घातिकर्म निर्मूलन संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ३५. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति केवलज्ञानदर्शनोद्भव संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ३६. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति धर्मतीर्थप्रवृत्ति संस्कार: स्फुरतु स्वाहा। ___ मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सूक्ष्मक्रियाप्रतिपातिशुक्लध्यानपरिणत्व संस्कार: स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति शैलेषीकरण संस्कार: स्फुरतु स्वाहा। ३९. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति परमसंवर संस्कार: स्फुरतु स्वाहा। __ मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति योगकिट्टिकाकरण संस्कारः स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति योगकिट्टिकानिर्लेपन संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ४२. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति समुच्छिन्नक्रियानिवृत्ति शुक्लध्यान संस्कारः स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति परमनिर्जरा संस्कारः स्फुरतु स्वाहा।
मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति सकलकर्मक्षयाप्ति संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ४५. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति अनादिभवपरावर्तनविनाश संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ४६. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति अनंतसिद्धपर्यायोपलब्धि संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ४७. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति अदेहसहजज्ञानोपयोगैश्वर्य संस्कारः स्फुरतु स्वाहा। ४८. मंत्र- ॐ ह्रीं इहार्हति अदेहसहजदर्शनोपयोगैश्वर्य संस्कार: स्फुरतु स्वाहा। (३४)मंत्र के साथ सभी प्रतिमाओं पर पुष्प क्षेपण करें। मंत्र- एवमष्टचत्वारिंशत्संस्काराधारित्वं प्रतिपाद्य एतदर्थारोपणान्तः करणेन आचार्येण
सर्वप्रतिमासु पुष्पाञ्जलि:क्षेप्यः । तिलकदान विधि/मंत्र
ॐ णमो अरहंताणं अहँ स्वाहा। * इंद्राणी द्वारा सिल, लोड़ी, दीपक, तिलक सामग्री को मंत्रों द्वारा स्थापित करावें। शिला स्थापन मंत्र
ॐ ह्रीं हूँ क्ष्मं ठः ठः शिला स्थापनं करोमि। शिला शुद्धि दीपक स्थापन मंत्र
शिलाशुद्धिं दीपकस्थापनं च करोमि। तिलक द्रव्य स्थापन मंत्र * नाभि में तिलक लगावेंमंत्र- ॐ ह्रीं श्रीं अहँ अ सि आ उ सा अर्हतां वृषभनाथस्य नाभौ तिलकं न्यसामि।
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