________________
मंत्र अधिकार
मंत्र यंत्र और तंत्र
मुनि प्रार्थना सागर
१५. दीक्षा के पहले सिद्ध, श्रुत, अरहंत, शांति आचार्य, चारित्र तथा योगि ये सात
__ भक्तियां पढ़ें। १६. निम्न मंत्र पढ़कर प्रतिमा के वस्त्र उतार कर थाली में रखें। मंत्र- ॐ णमो भगवते अर्हते सद्यः सामायिक प्रपन्नाय वस्त्राभूषणमपनयामि। १७. आभूषणादिकों का त्याग करावें। मंत्र- ॐ नमो भगवते अर्हते सद्यः सामायिक प्रपन्नाय कंकणमयनयामि स्वाहा। १८. अरहंत, सिद्ध भक्ति का पाठ कराते हुए विधिनायक प्रतिमा के सिर पर घिसी हुई
गाढ़ी केशर या पिसी हुई लवंग लगाकर फूल अलगकर लवंग लगा देवें। १९. निम्न मंत्र बोलकर प्रतिमाजी के केशलोंच करेंमंत्र- ॐ नमः सिद्धेभ्यः। २०. सिर पर लगी केशर धोएंमंत्र- ॐ ह्रीं श्री अनादिमूल मंत्रेभ्यो नमः शिर प्रक्षालनं करोमि। २१. निम्न मंत्र बोलें- मंत्र- अहँ सर्व सावद्याबिंरतोऽमीति। २२. पिच्छिका प्रदान मंत्र मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं षट्जीवनिकाय रक्षणाय क्षमा-मार्दवादि गुणोपेतमिदं पिच्छिकोपकरणं
- गृहाण गृहाण। २३. कमण्डलु प्रदान मंत्र मंत्र- ॐ णमो अरहंताणं रत्नत्रय पवित्राय कृतोत्तमंगाय बाह्याभ्यन्तरमल विशुद्धाय नमः इदं
शौचोपकरणं गृहाण गृहाण। २४. नामकरण मंत्र मंत्र- ॐ ह्रीं दिगम्बराम्नाये तव वृषभनाथ नाम भवसि। २५. पुष्प क्षेपण करें। मंत्र- ॐ सामायिक चारित्रतिशय स्थापनाय पुष्पाञ्जलिं क्षिपेत् । २६ मन:पर्ययज्ञानोत्पत्ति का प्रतीक चौमुखा (चार बत्ती वाला) दीपक जलाकर प्रतिमाजी
के सामने रखें। मंत्र- ॐ ह्रीं अहँ णमो अ सि आ उ सा ज्योतिर्मयाय मनः पर्ययज्ञान प्राप्ताय नमः। २७ केश विसर्जन मंत्र मंत्र- ॐ भगवत्केश कलापस्येन्द्रकृतार्चन रत्नपात्र स्थापन क्षीराब्धि निक्षेपण स्थापनाय
प्रतिमाग्रे पुष्पाञ्जलिं क्षिपेत्।
233